सुकराती पर्व की सोन्ही यादें और बैलों की घंटी का संगीत 

ब्रह्मानंद ठाकुर इस दुनिया मे चिरंतन ,शाश्वत और अपरिवर्तनशील कुछ भी नहीं है। वस्तुजगत का कण – कण परिवर्तनशील है।

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फिल्म से पहले पिता ने क्यों किया पीहू का स्टिंग ऑपरेशन

विनोद कापड़ी पीहू के माता-पिता रोहित विश्वकर्मा और प्रेरणा शर्मा की सहमति मिलने के बाद मैंने तय किया कि अब

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नन्हीं पीहू से प्यार और विनोद कापड़ी का पागलपन

विनोद कापड़ी फ़िल्म रिलीज़ होने में अब कुछ दिन बाक़ी हैं।अब पीहू फ़िल्म से जुड़ी कुछ कहानियाँ। सबसे पहले कैसे

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उग्र हिंदुत्व के पैरोकारों का कुछ धर्म-ईमान भी बचा है?

राकेश कायस्थ के फेसबुक वॉल से साभार मैं आरएसएस को एक अतार्किक गैर-जिम्मेदार, षडयंत्रकारी और विभाजनकारी विचारधारा मानता हूं। यह

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किसानों के ‘हमदर्द’ मंत्रीजी का गणित गड़बड़ है

ब्रह्मानंद ठाकुर आज मनकचोटन भाई के दलान पर खूब गहमागहमी है।  बटेसर, परसन कक्का , चुल्हन भाई, धरीच्छन,  बिल्टू उस्ताद,

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‘मानवता के लिए वैश्वीकरण सबसे बड़ा ख़तरा’

वैश्वीकरण के आर्थिक परिणामों और तकनीकी परिवर्तन के प्रभाव को सभी गहराई से समझते हैं। कारखानों के स्वसंचालन ने पारम्परिक

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