कृषि विश्वविद्यालय की ‘खेती’ और किसानों की दुर्दशा
शिरीष खरे कृषि क्षेत्र में कई शब्द प्रचलित हैं। इनमें से कई के अर्थ और उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी
शिरीष खरे कृषि क्षेत्र में कई शब्द प्रचलित हैं। इनमें से कई के अर्थ और उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी
शिरीष खरे आजादी के सात दशक बाद तक भूमि की संरचना पहले की तरह ही असमान है। आज भी साठ
शिरीष खरे आजकल देश में किसानों का बड़ा आंदोलन खड़ा करने की कोशिश चल रही है । जिसमें देशभर से
ब्रह्मानंद ठाकुर कश्मीर घाटी आज आतंकवाद की मार झेल रही है । एक तरफ आतंकवाद और दूसरी तरफ सियासी चालबाजी
अखिलेश्वर पांडेय कम पानी वाले पोखर की मछलियां दुबरा गयीं हैं ऊसर पड़े खेतों की मेढ़ें रो रही हैं बेरोजगार
शिरीष खरे विशेष तौर पर सत्तर के दशक में गांवों के लिए कई परियोजनाएं और कार्यक्रम चलाए गए। इसके पीछे
टीम बदलाव 20 नवंबर को इंडिया न्यूज़ के साथ निखिल दुबे ने बतौर एग्जीक्यूटिव एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत
ब्रह्मानंद ठाकुर मनकचोटन भाई के दलान पर सांझ होते ही हमेशा की तरह आज भी टोला के लोगों का जुटान होने
पुष्यमित्र चार-पांच साल पहले झारखंड के एक गांव गया था । वह गांव सब्जी उत्पादन में अव्वल था । वहां
शिरीष खरे भारत में ग्रामीण और शहरी अंचल के लिए निर्धनता का निर्धारण अलग-अलग तरह से होता है। एक आंकड़े