ट्रिंग-ट्रिंग… चल पड़ी है बेटी मेरे गांव की
बिहार में इन दिनों सड़कों पर आशाएं और उम्मीदें साइकिल पर सवार दिखती हैं। जिधर देखिए उधर टिन-टिन घंटी बजाते
बिहार में इन दिनों सड़कों पर आशाएं और उम्मीदें साइकिल पर सवार दिखती हैं। जिधर देखिए उधर टिन-टिन घंटी बजाते
”वक़्त बहुत तेजी से बदल चुका है। पहले हम लोग कभी किसी परिवार में जाते थे और छोटे बच्चे
बहुत दिनों के बाद पिछले दिनों गाँव जाना हुआ। मेरा गाँव बुंदेलखण्ड के दक्षिणी छोर पर चम्बल और यमुना नदी
शीर्षक को समझने के लिए आपको यह लेख पूरा पढ़ने की ज़हमत उठानी होगी। यह रिपोर्ट जो मैं लिख रहा
क्या हमारे गांव के खेत को भी पानी मिलेगा? क्या अब कभी सूखे की मार नहीं पड़ेगी? क्या पानी के
सोमवार को नई दिल्ली में एक ऐसी तस्वीर देखने को मिली जो देश की सियासत में गाहे–बगाहे ही मिलती है।
पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हजारीबाग के बरही में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान की शुरुआत करते हुए दूसरी हरित
एमएलसी चुनाव के बहाने बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की सियासत एक बार फिर सुगबुगाने लगी है। इन दिनों एमएलसी
पहाड़ पर खेतों से खर पतवार निकाल जमीन में बीज रोपती हैं पहाड़ी औरतें | वे बैल हैं और हल