‘दिव्यांग’ स्कूली बच्चों को शारीरिक श्रम का ‘पाठ’
सुनीता यूपी के सीएम अखिलेश की नज़र अगर इन तस्वीरों पर पड़े तो उन्हें पता चले कि प्रदेश में शिक्षक
सुनीता यूपी के सीएम अखिलेश की नज़र अगर इन तस्वीरों पर पड़े तो उन्हें पता चले कि प्रदेश में शिक्षक
डॉ. भावना सिन्हा जब से होश सम्भाला तब से यही सुनती आई कि हम लोग देवों की नगरी देवरिया में
पुरुषोत्तम असनोड़ा अल्मोडा जिला का डीडा नैनीसार 6 महिने पहले तक एक मालूम सा गांव- तोक रातों-रात देश- दुनिया में
पुष्यमित्र फरवरी महीना खत्म होने वाला है । राजधानी पटना में पक्ष-विपक्ष के बीच धान खरीद को लेकर रोज तू-तू, मैं-मैं जारी
अक्सर देखा जाता है सरकारी नौकरी मिलने के बाद बहुत से लोग उसी में सिमट जाते हैं और आगे बढ़ने
बासु मित्र पुलिस की लापरवाही का खामियाजा बच्चों को भुगतना पर रहा है। जहाँ एक तरफ बिहार सरकार के द्वारा
एक इस्तीफ़ा, हमेशा एक व्यक्ति का नहीं होता। वो उन तमाम लोगों की भावनाओं की अभिव्यक्ति होता है, जो अपनी
गांव में बदलाव का मतलब होता है कच्ची सड़क पक्की हो जाए। खेती में नया प्रयोग, आधुनिक यंत्रों का इस्तेमाल।
तिरंगे के रंग आँखें तभी साफ़ साफ़ देख पाती हैं जब पेट में रोटी होती है, हाथ तिरंगे को
बिहार के मधेपुरा से शुरू हुआ बदलाव का सफर अब अपने अगले मुकाम की ओर बढ़ चला है। आप सभी