सरकार, रोजी-रोटी का जरिया बने हिंदी
ब्रह्मानंद ठाकुर आज हिन्दी दिवस है। राजभाषा हिन्दी के विकास के बड़े-बड़े दावे और वादे किए जा रहे हैं। बाबजूद इसके
ब्रह्मानंद ठाकुर आज हिन्दी दिवस है। राजभाषा हिन्दी के विकास के बड़े-बड़े दावे और वादे किए जा रहे हैं। बाबजूद इसके
ब्रह्मानंद ठाकुर यह गौरव मुजफ्फरपुर को हासिल है, जहां अयोध्या प्रसाद खत्री ने भारतेन्दु युग (1850-1900) में हिन्दी साहित्य में
टीवी पत्रकारिता से जुड़े 10 साल हो गए हैं । कई कमियों का बावजूद ये पेशा मुझे सबसे बेहतर लगता
कल, यानी 14 सितंबर 2017, हिंदुस्तानियों के लिए ऐतिहासिक पल होगा । भले ही भारतीय रेल इस वक्त पटरी से
विकास मिश्रा मेरी पत्नी का सेविंग अकाउंट था इंडियन ओवरसीज बैंक में। गुप्त खाता। जिसमें जमा रकम का मुझे घर
गौरी लंकेश की हत्या से देश स्तब्ध है। पत्रकार-साहित्यकार वर्ग सहमा हुआ है। आखिर अभिव्यक्ति की आज़ादी के मतलब क्या
मृदुला शुक्ला बच्चों के साथ घटती तमाम घटनाओं में हम आसानी से किसी न किसी को दोष देकर अपनी जिम्मेदारी
बदलाव प्रतिनिधि, दिल्ली गुरुग्राम में रेयान इंटरनेशनल स्कूल में मासूम प्रद्युम्न की हत्या की ख़बर से देश सन्न रह गया
देवांशु झा मां जब कहती है कि उसे ईश्वर ने आंखें ही क्यों दीं तब मुझे शेक्सपीयर की पंक्तियां याद
सात साल के प्रद्युम्न की तस्वीरें पूरी रात आंखों में तैर रही थीं । उसकी अस्पताल की तस्वीर देखी तो