दरभंगा के आम और जोधा-अकबर का ‘प्रेम’
पुष्यमित्र आम का सीजन उफान पर है। इस साल भरपूर आम बाजार में उपलब्ध है, कीमत भी कम है, लिहाजा
पुष्यमित्र आम का सीजन उफान पर है। इस साल भरपूर आम बाजार में उपलब्ध है, कीमत भी कम है, लिहाजा
पीयूष बबेले कफन बढ़ा, तो किस लिए, नजर तू डबडबा गई कल शाम बाती का 50 साल पुराना शिकवा दूर
संगम पांडेय व्योमेश शुक्ल की नई प्रस्तुति ‘बरनम वन’ का कलेवर मैकबेथ की तमाम होती रही प्रस्तुतियों में काफी मौलिक
आजकल किसानों की आय दोगुनी करने की चर्चा हर तरफ हो रही है, लेकिन शायद ही कोई हो जो इस
वीरेन नंदा किस्सागोई के पिछले अंक में आपने पढ़ा कि किस तरह कवि- कहानीकार दोस्तों ने भिक्षा प्रकाशन के लिए
आशीष सागर यूपी के बुंदेलखंड में खनन का मसला उठना कोई नई बात नहीं है। महोबा का पनवाड़ी अवैध बालू
ब्रह्मानंद ठाकुर महापंडित राहुल सांकृत्यायन वैज्ञानिक समाजवादी विचारधारा के अनथक योद्धा साहित्यकार थे। उन्होंने अपने अगाध पांडित्य को वर्ग शत्रु
डा. सुधांशु कुमार अवसानोन्मुख छायावाद के साहित्याकाश में मानववाद एवं ग्राम्य चेतना के महाकवि रामइकबाल सिंह ‘राकेश’ का उदय हिंदी
पुष्य मित्र भास्कर के समूह संपादक कल्पेश याग्निक के निधन से पूरा मीडिया जगह स्तब्ध है। हर कोई अपने अपने
डा. सुधांशु कुमार आज जिस प्रकार सोशल मीडिया पर खासकर किशोर और युवावर्ग अपनी आंखें गड़ाए रहते हैं , यह