सेवाग्राम का सबक- स्वच्छता, प्रार्थना और स्वावलंबन
संदीप नाईक बहुत सारी खराब बातों के बावजूद बहुत सारी अच्छी बातें सेवाग्राम के आश्रम में मौजूद हैं, इनमें से
संदीप नाईक बहुत सारी खराब बातों के बावजूद बहुत सारी अच्छी बातें सेवाग्राम के आश्रम में मौजूद हैं, इनमें से
बदलाव प्रतिनिधि, ग़ाज़ियाबाद 26 अगस्त ’ 2018, रविवार, वैशाली,गाजियाबाद। “प्रेम सौहार्द भाई चारे” पर गीतों , कविताओं और गजलों से परिपूर्ण “पेड़ों की छांव तले रचना पाठ” की 47वीं साहित्य गोष्ठी वैशाली
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार मित्रो इन दिनों कुछ लोगों का सम्मान आम लोगों की ज़िंदगी से लाखों-करोड़ों
ब्रह्मानंद ठाकुर आई का बतकही बिलकुले एक नया लुक में था। असल में हुआ यह कि साउनीघड़ी पवनिए के दिन
शंभु झा ए भाई, देख के मत चलो…आगे भी सड़क तुम्हारे बाप की है, पीछे भी तुम्हारे पप्पा की है। बाएं-दाएं
संदीप नाईक मध्यप्रदेश का एक पैरवी समूह जो विकास, कुपोषण , शिक्षा और स्वास्थ्य के मुद्दों पर गत 15 वर्षों
सच्चिदानंद जोशी कुछ दिन पहले बचपन का एक दोस्त मिला। मेरे रूप को देखते ही बोला “अरे यार तुम तो
मृदुला शुक्ला वो जाने कौन सा साल बरस था तेज चटकती दुपहरी थी बस इतना याद है। कहाँ से लौटी
अजीत अंजुम के फेसबुक वॉल से साभार ये शिल्पा जी हैं। हम सबकी दोस्त और हम सबके अजीज राजीव कुमार
पशुपति शर्मा गांधी को लेकर अपने एहसास की बात मैं आइंस्टीन के एक कथन से शुरू करता हूं जिसका जिक्र