गांव शहर बना तो हम हिन्दू-मुस्लिम हो गए !
ज़ैग़म मुर्तज़ा क़रीब दो दशक पहले गांव जाना हमारे लिए अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक से कम न था। हफ्ता भर पहले तैयारियां
ज़ैग़म मुर्तज़ा क़रीब दो दशक पहले गांव जाना हमारे लिए अंतर्राष्ट्रीय पिकनिक से कम न था। हफ्ता भर पहले तैयारियां
हां, बह रही है विकास की गंगा दालों में डबल सेंचुरी के साथ प्याज में मुनाफाखोरी के साथ सब्जियों में
दिवाकर मुक्तिबोध छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने हाल ही में नई दिल्ली में ये कहा था कि राज्य
पुष्यमित्र सरकारी आंकड़ों में बिहार में दस में से आठ बच्चे कुपोषित हैं। 26 फीसदी बच्चे अति कुपोषित हैं। 80
प्रियदर्शन एक खूंखार, लथपथ समय में गलत के विरोध की हर पहल स्वागत योग्य है। जो इस पर सवाल उठाते हैं
संजय द्विवेदी देश में बढ़ती तथाकथित सांप्रदायिकता से संतप्त बुद्धिजीवियों और लेखकों द्वारा साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटाने का सिलसिला वास्तव
कुमार सर्वेश तेंदुआ गुर्राता है, तुम मशाल जलाओ। क्योंकि तेंदुआ गुर्रा सकता है, मशाल नहीं जला सकता। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
उर्दू के जाने माने शायर मुनव्वर राणा ने साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा दिया है। अभी वो इसी वजह से
कुमार सर्वेश गाय इस धरती पर सबसे प्यारा और पवित्र पशु है। भारतीय समाज में गाय को परिवार का एक
कीर्ति दीक्षित काफी सोच विचार के बाद शहर के शोरगुल से दूर अपनी कलम को आवाज देने के लिए मैंने अपने