गरीबी के अंधकार से निकली ‘आनंद’ की रौशनी
आनंद कुमार सुपर 30, वो नाम जिसका जिक्र आते ही देश के तमाम गरीब बच्चों की आंखों में उम्मीद की किरण
आनंद कुमार सुपर 30, वो नाम जिसका जिक्र आते ही देश के तमाम गरीब बच्चों की आंखों में उम्मीद की किरण
जिसको भी प्रक्रति से लगाव हो और वह उसे देखना चाहता हो तो उसे एक बार श्री लंका जरुर जाना
धीरेंद्र पुंडीर बचपन में खेंतों को पार कर नदी के दूसरी तरफ बसे गांव न्यामू में जाना सिर्फ मेले के
दीपावली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार
महादेवी वर्मा मधुर-मधुर मेरे दीपक जल। युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल, प्रियतम का पथ आलोकित कर।। सौरभ फैला विपुल धूप बन,
दीपों के पर्व की रौनक हर तरफ बिखरी है। समाज का हर तबका अपने-अपने अंदाज में दीवाली मना रहा है।
अरुण यादव इधर कुछ दिनों से दफ्तर के कामकाज ने इस कदर उलझा रखा था कि समाज और साहित्य दोनों
पंकज त्रिपाठी आजतक का युवा रिपोर्टर रजत सिंह। करीब 29 साल की उम्र में ही इस होनहार साथी ने बहुत कुछ
सत्येंद्र कुमार यादव कुछ पत्रकार साथियों के साथ 25 अक्टूबर 2016 को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र जाना हुआ । IGNCA
पुष्यमित्र भारत ने दुनिया को जो कुछ बेशकीमती तोहफे दिये हैं उनमें से एक प्राकृतिक नीला रंग नील भी है।