छठ पर्व पर ‘सरिसवा’ नदी को बचाने की सौगन्ध
कुणाल प्रताप सिंह बिहार में हर तरफ छठ की छटा बिखरी है । नदी किनारे बने घाट सजे हुए हैं।
कुणाल प्रताप सिंह बिहार में हर तरफ छठ की छटा बिखरी है । नदी किनारे बने घाट सजे हुए हैं।
धीरेंद्र पुंडीर बात वहीं से शुरू करता हूं जहां रूक गई थी। बातचीत बड़े बिजनेसमैन से हो रही थी
धीरेंद्र पुंडीर हाथ पर चांद का फोटो खींच लेने से न चांद इतना छोटा होता कि हथेली पर आ जाए
आनंद कुमार सुपर 30, वो नाम जिसका जिक्र आते ही देश के तमाम गरीब बच्चों की आंखों में उम्मीद की किरण
जिसको भी प्रक्रति से लगाव हो और वह उसे देखना चाहता हो तो उसे एक बार श्री लंका जरुर जाना
धीरेंद्र पुंडीर बचपन में खेंतों को पार कर नदी के दूसरी तरफ बसे गांव न्यामू में जाना सिर्फ मेले के
दीपावली की अगली सुबह गोवर्धन पूजा की जाती है। लोग इसे अन्नकूट के नाम से भी जानते हैं। इस त्यौहार
महादेवी वर्मा मधुर-मधुर मेरे दीपक जल। युग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल, प्रियतम का पथ आलोकित कर।। सौरभ फैला विपुल धूप बन,
दीपों के पर्व की रौनक हर तरफ बिखरी है। समाज का हर तबका अपने-अपने अंदाज में दीवाली मना रहा है।
अरुण यादव इधर कुछ दिनों से दफ्तर के कामकाज ने इस कदर उलझा रखा था कि समाज और साहित्य दोनों