तारिक फतेह को लेकर ‘चिंताओं’ का दौर
धीरेंद्र पुंडीर ये मुजफ्फनगर की तारिक फतेह पर चिंता है। घर आया था लिहाजा सुबह के अखबार में दिखा। ये
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ऋषि कांत सिंह सुबह का वक़्त था। आज नोएडा एक्सप्रेसवे से होकर ऑफिस जा रहा था। अचानक दो गाड़ियों की
ब्रह्मानंद ठाकुर आज महाशिवरात्रि है। आदिम समाजवादी परिवार के मुखिया शिव के विवाह का दिन । हां, आदिम समाजवादी व्यवस्था,
पीयूष बबेले पिछले अंक में आपने पढ़ा कि किस तरह कांशीराम के संघर्षों से बीएसपी दलित वर्ग में अपनी पैठ
रामजी तिवारी भारतीय जनता पार्टी के बारे में लिखना अपेक्षाकृत कठिन होता है। कारण यह कि इस पार्टी के बारे
पीयूष बबेले 90 के दशक का वह दौर जब एक बच्चे ने दलितों की जिजीविषा को राजनैतिक आंदोलन का रूप
रेणु ओहरी हर लड़की का होता है इक सपना बसाएगी सुंदर सा संसार अपना जब आएगा इक
मोहन मंगलम कुछ साल पहले राजेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की टीम ने गंगा दियारे का दौरा कर दियारे की
राकेश कायस्थ मांगना अच्छा है या बुरा? यह निर्भर इस बात पर है कि मांगा क्या जा रहा है। उदाहरण
आशीष सागर दीक्षित (फेसबुक वॉल से) ” तुम बतलाते रहे अपने काम के नजराने इस कदर अखिलेश, कि एक हम