युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं श्री बाबू : सुरेश शर्मा

युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत हैं श्री बाबू : सुरेश शर्मा

मुजफ्फरपुर/बदलाव प्रतिनिधि।

स्वाधीन भारत के अमर सेनानी आधुनिक बिहार के शिल्पकार बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह एक ही साथ प्रखर राष्ट्रवादी,राजनेता, शिक्षाविद, कुशल प्रशासक के रूप में सदियों तक याद किए जाएंगे। ये बातें शुक्रवार को अटल सभागार में आयोजित श्रीकृष्ण सिंह जयंती समारोह को संबोधित करते हुए बिहार सरकार के पूर्व नगर विकास मंत्री एवं बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता
सुरेश कुमार शर्मा ने कही। वे 21 अक्टूबर बिहार केसरी श्रीकृष्ण सिंह जयंती के पूर्व संध्या पर आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। अपने उद्घाटन भाषण के दौरान उन्होंने कहा कि रचनात्मकता में विश्वास करने वाले ( बिहार के प्रथम प्रधानमंत्री (बाद में मुख्यमंत्री) श्रीबाबू की ही देन है कि बिहार में आजाद भारत का पहला रिफाइनरी बरौनी ऑयल, आजाद भारत का पहला खाद कारखाना सिंदरी व बरौनी रासायनिक खाद कारखाना, एशिया का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग कारखाना भारी उद्योग निगम हटिया (एच ई सी),देश का सबसे बड़ा स्टील प्लांट सेल (बोकारो), बरौनी डेयरी, एशिया का सबसे बड़ा रेल यार्ड गढ़हरा,आजादी के बाद गंगोत्री से गंगासागर के बीच प्रथम रेल सह सड़क पुल मोकामा का राजेंद्र पुल, कोशी प्रोजेक्ट, पूसा एग्रीकल्चर कॉलेज , भागलपुर व रांची विश्विद्यालय सहित अनेकों निर्माण के कार्य हुए।
उनके शासनकाल में बिहार को देश का सबसे बेहतर शासित राज्य माना जाता था।बिहार देश की दूसरी अर्थव्यवस्था था।
श्री शर्मा ने कहा कि दलितों को सबसे पहले देवघर मंदिर में प्रवेश दिलाने वाले श्रीबाबू ही हैं, जमींदारी प्रथा को समाप्त करने वाला बिहार देश का पहला राज्य है और इस पुनीत कार्य को करने का श्रेय भी श्रीबाबू को ही जाता है।
श्रीकृष्ण सिंह जब भी विधानसभा चुनाव में उतरते तो वह अपने क्षेत्र में प्रचार करने नहीं जाते थे। वे कहते थे कि अगर वे सच्चे समाज सेवक हैं तो जनता उन्हें खुद ब खुद वोट देगी।क्योंकि जनप्रतिनिधि को पांच साल तक काम करने का मौका मिलता है।ऐसे में अगर वे सही से अपने ड्यूटी का निर्वाह करेंगे तो उन्हें प्रचार करने की क्या जरूरत है। वर्तमान राजनीतिज्ञों द्वारा श्रीबाबू के समग्र कार्यों के समानांतर में खड़ा होना तो दूर उनके द्वारा किए गए कार्यों के मूल्यांकन के लिए समझ विकसित करने के लिए गहन अध्ययन की आवश्यकता होगी। पूर्व मंत्री ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि आज की युवा पीढ़ी श्रीबाबू के जीवन से मार्गदर्शन प्राप्त कर बिहार और देश को विकसित और उन्नत बनाने में अपना बहुमूल्य योगदान देने का संकल्प लेगी। वरिष्ठ साहित्यकार डा संजय पंकज ने कहा कि डा श्रीकृष्ण सिंह राजनीति में विकास और विद्वता के जिस ऊंचाई पर जाकर ठहरे आज तक किसी नेता में उन तक पहुंचने की एकांश क्षमता नहीं हो सकी, यह बिहार की राजनीति के लिए चिंताजनक बात है। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामकिशोर सिंह एवं संचालन युवा संस्कृतिकर्मी बिहार भक्ति आंदोलन के संयोजक सोनू सिंह एवं धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ भाजपा नेता श्री मनोरंजन शाही ने किया।
समारोह को कुढ़नी के विधायक श्री केदार गुप्ता, उप मेयर श्रीमती मोनालिसा, पूर्व विधान पार्षद श्री नरेंद्र प्रसाद सिंह, बोचहां की पूर्व विधायक श्रीमती बेबी कुमारी, डा तारण राय, डा संजय पंकज, पारू व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्री शंभू प्रसाद सिंह, लोजपा नेता पूर्व जिला पार्षद श्री शशि कुमार सिंह, भाजपा नेता श्री हरिमोहन चौधरी, स्वामी सहजानंद किसान संगठन के श्री शंभू प्रसाद सिंह, अमर बाबू, अरुण कुमार सिंह, सहित दर्जनों नेताओं ने संबोधित किया। मौके पर नंदकिशोर निराला, भाजपा पश्चिमी नगर मंडल अध्यक्ष श्री अमित रंजन, पताही मंडल अध्यक्ष अनिल गुप्ता, विश्वविद्यालय मंडल अध्यक्ष श्री राजन भारद्वाज प्रो सत्येंद्र कुमार सिंह (टुनटुन जी), पी एन सिंह आजाद, जलेश्वर सहनी, साहू भूपाल भारती, अजीत पांडेय सहित सकड़ों गणमान्य उपस्थित थे।