गांव से राजधानी तक वो जानते हैं ‘पदाना’
डा. सुधांशु कुमार जी हां ! चौंकिए मत !! जरा ध्यान से इस पीत पट पर अंकित ब्रह्म स्वरूप शब्द
डा. सुधांशु कुमार जी हां ! चौंकिए मत !! जरा ध्यान से इस पीत पट पर अंकित ब्रह्म स्वरूप शब्द
कुमार नरेंद्र सिंह यह बिहार के जिला भोजपुर के संदेश थाना के सिरकीचक गांव की मस्जिद है, जिसका निर्माण 1798
ऐसे बहुत कम ननिहाल होते हैं , जहाँ ना माँ होती है। ना मामा और ना नानी होती है लेकिन
विनय तरुण स्मृति व्याख्यान – 2018 का आयोजन कोलकाता में 24 जून 2018 रविवार को होगा। इस बार का विषय है
डॉक्टर प्रीता प्रिया हॉस्टल के लान में पुरवइया सी दौड़ती -भागती, हंसती- खिलखिलाती लड़कियों के झुंड के सामने अचानक ही
सुबोध कांत सिंह मंजिल यूं ही नहीं मिलती राही को जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है पूछा चिड़िया को
विनोद कापड़ी के फेसबुक वॉल से दरमा घाटी की सैर जितनी यादगार है, उससे कहीं ज्यादा रोमांचकारी। रास्ता जितना दुर्गम
संगम पांडेय रवि तनेजा की प्रस्तुति कोणार्क अकेला ऐसा नाटक है जिसे मैंने देखने के पहले ही पढ़ रखा था।
डा.सुधांशु कुमार … बात यदि मानवों तक की रहती तो एक बात थी किंतु यहां तो ‘छिच्छकों’ का अति पेचीदा
जयंत कुमार सिन्हा लखनऊ का नाम आते ही नजर में कौध जाती है गोमती पर बिखरी गुलाबी शामें, लखौड़ियों से