गांधी के ग्राम-स्वराज को साकार करता गांव
शिवाजी राय चमचमाती गलियां, रात को हर चौक-चौराहे पर जलते लैंप पोस्ट, सुबह के वक़्त गलियों में साफ-सफाई करते बच्चे,
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अरुण यादव पिछले कुछ दिनों से आशीष सागर दीक्षित का फेसबुल वॉल नहीं देख पाया था, लेकिन जब बदलाव पर
सत्येंद्र कुमार यादव आप समाजेसवी हैं, सच्चे दिल से समाज की सेवा में लगे हैं, सामाजिक सरोकारों को लेकर किसी
सत्येंद्र कुमार यादव बिहार में एक बार फिर सियासत गरम है । हर गली-मोहल्ले में नुक्कड़ पर सियास की बातें
धीरेंद्र पुंडीर दस साल का बच्चा था। गांव में जाना था। एक जीप कॉपरेटिव डिपार्टमेंट की थी। उसमें बैठा हुआ
पुष्यमित्र कैमूर जिले के रामगढ़ प्रखंड का एक सुदूरवर्ती गांव है बनका बहुआरा। इस गांव में हर रोज सुबह आठ बज
तुम न आये और फिर लो आ गया फागुन निगोड़ा साल पिछले भेजते इसको कहा था, हाथ में इसके तुम्हारा,
अरुण प्रकाश अगर आप पर्यटन के शौकिन हैं और पौराणिक महत्व की नई-नई जगहों पर जाना पसंद करते हैं आपके
पुष्यमित्र जब हम रागिनी कुमारी (बदला नाम) से मिलने कटिहार जिले के अमदाबाद प्रखंड में स्थित उसके गांव लालबथानी पहुंचते
शिरीष खरे “6 मार्च, रविवार सुबह साढ़े 11 बजे जिस समय हम प्रार्थना कर रहे थे, करीब दो दर्जन लोगों