आधे-अधूरे का यथार्थवाद और जयंत देशमुख का सेट
संगम पांडेय जयंत देशमुख सिनेमा के जाने-माने सेट डिजाइनर हैं। उनका यह हुनर एमपीएसडी के छात्रों के लिए निर्देशित नाटक
संगम पांडेय जयंत देशमुख सिनेमा के जाने-माने सेट डिजाइनर हैं। उनका यह हुनर एमपीएसडी के छात्रों के लिए निर्देशित नाटक
राजेश मेहरा राजू घर में खेल रहा था तभी उसके पापा ऑफिस से आये और बोले बेटा टीवी चलाओ जरा।
पुष्यमित्र जैसे ही हमने तसवीर ली विनोद कुमार दौड़े-दौड़े आये। उनकी सहज जिज्ञासा थी कि उनके दुकान की तस्वीर क्यों ली
कन्हैया लाल सिंह कई लोगों से आपने सुना होगा, पैसे क्या पेड़ पर उगते है? जी हां, पैसे पेड़ पर
उमेश कुमार अब जब सुनीता देवी किसी गर्भवती महिला के पास जाकर आयरन गोली खाने के फायदे बताती हैं, तो
रविकांत चंदन हाल में बिहार शिक्षा (माध्यमिक) बोर्ड के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के नतीजे सुर्खियों में रहे हैं। पहले जिन
आज चंद्रशेखर आजाद का जन्मदिन है। इस क्रांतिकारी की पहचान रही मूंछों और तमंचे पर देवांशु झा ने एक कविता
राकेश कुमार मालवीय उफ ! वक्त तुम कितने बुजदिल हो। दो साल पहले सुदीप पत्रकारिता में एक नई जगह पर
टीम बदलाव युवा पत्रकार और लेखिका कीर्ति दीक्षित के पहले उपन्यास जनेऊ के विमोचन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। 23
नीतीश पाण्डेय अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने स्टार्टअप इंडिया कैंपेन के लिए कुछ पोस्टर वीमेन की तलाश करें तो उन्हें