बढ़ई बढ़ई खूंटा चीरs, खूंटे में मोर दाल बा …….
कुणाल प्रताप सिंह ” बढ़ई बढ़ई खूंटा चीरs, खूंटे में मोर दाल बा का खाऊं, का पीऊं का लेके परदेश
कुणाल प्रताप सिंह ” बढ़ई बढ़ई खूंटा चीरs, खूंटे में मोर दाल बा का खाऊं, का पीऊं का लेके परदेश
सौम्या सिंह रेल दुर्घटना, ये शब्द कान में जाते ही सबसे पहले क्या याद आता है आपको ? अच्छा छोड़िए…,
पुष्यमित्र माना जा रहा है कि कल हुए रेल हादसे की सबसे संभावित वजह थी कि झांसी-कानपुर रेलखंड के बीच
पुष्यमित्र पटना के एक संस्थान में सरिता(परिवर्तित नाम) बैठी हैं. उसकी आंखें डबडबायी हुई हैं. वह उस खबर का सामना
विकास मिश्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्णय साहसिक है। देशहित में है, इसमें किसी को कोई शक नहीं है। उनके
मधुरेंद्र कुमार सवाल नोटबंदी पर नहीं बल्कि नोट की उपलबध्ता को लेकर है। अव्यवस्था का आलम अराजकता को निमंत्रण देने लगा
आशीष सागर नोटबंदी के बाद से तो ऐसा लग रहा है जैसे शहर और गांव की दूरियां मिट गईं। ऐसा
सत्येंद्र कुमार यादव ये तस्वीर यूपी के देवरिया के लार क्षेत्र की है । नोटबंदी के बाद से बैंकों के
पुष्यमित्र एक चुगलखोर व्यक्ति राजा कृष्ण से कहता है कि तुम्हारी पुत्री साम्बवती चरित्रहीन है। उसने वृंदावन से गुजरते वक्त
उर्मिलेश (फेसबुक वॉल से) प्रधानमंत्री मोदी के प्रशंसकों को मुझसे शिकायत नहीं होनी चाहिये। प्रधानमंत्री जी के कतिपय गुणों को