मजदूर की मन की बात सुनो सरकार!
ब्रह्मानंद ठाकुर कई साल पहले शिक्षण के दौरान कक्षा में छात्रों से मैंने एक सवाल पूछा था- मजदूर श्रम क्यों
ब्रह्मानंद ठाकुर कई साल पहले शिक्षण के दौरान कक्षा में छात्रों से मैंने एक सवाल पूछा था- मजदूर श्रम क्यों
कुंदन शशिराज एक ऐसे युवा के तौर पर अपने साथियों के बीच जाने जाते हैं, जो अपने जुनून के लिए
रामानन्द सिंह बापू तेरे बंदर तीन उछल -कूद कर रहे देख लो हैं कितने अनुशासनहीन बापू तेरे बंदर तीन तू
ब्रह्मानंद ठाकुर हमारे देश की सियासत कुछ ऐसी हो चली है कि अब वो आपके निजी जीवन में दखल देने
अमरेंद्र गौरव ”सीआरपीएफ जवानों की बहादुरी पर हमें गर्व है और उनकी शहादत बेकार नहीं जाएगी”। सुकमा में बड़े नक्सली अटैक
देवांशु झा ऐसा सितारा कभी-कभार चमकता है, जिसमें किसी हॉलीवुड हंक सी अदा हो, किसी आदर्श पौराणिक भारतीय चरित्र जैसा सुघड़
“भारतीय किसान कर्ज में ही जन्म लेता है और उसी स्थिति में मर जाता है” ‘दुख की यात्रा’ एक संकल्पनात्मक
पुष्यमित्र इन दिनों देश अपने नये राष्ट्रपति के चुनाव को लेकर उत्सुक है। हालांकि देश खुद अपना राष्ट्रपति नहीं चुनता।
धीरेंद्र पुंडीर ये अहंकार आप पर फबता नहीं है केजरीवाल जी। आप मुलायम, अजित या नीतिश नहीं है कि कोई
ब्रह्मानंद ठाकुर आम, कटहल,नींबू और अमरुद की घनी छांव तले एक छोटा सा घर । जिसका नाम है चमेला कुटीर