8 साल बाद जारंग गांव में लौटी ‘उम्मीदों के स्कूल’ की रौनक
ब्रह्मानंद ठाकुर आखिर क्या वजह है कि जब कोई मंत्री या नेता गांव-गिराव में जाता है तभी प्रशासन को वहां
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पशुपति शर्मा दिसंबर के पहले हफ़्ते में आर्ट सर (श्री राजेंद्र प्रसाद गुप्ता ) से आख़िरी मुलाक़ात हुई। सर के चेहरे
मृदुला शुक्ला छाँव कहाँ होती है अकेली खुद में कुछ ये तो पेड़ों पर पत्तियों का दीवारों पर छत का
ये सुनने में काफी अच्छा लगता है कि हिंदुस्तान अब न्यू इंडिया बन रहा है । कम से कम मौजूदा
उर्मिलेश भारतीय जनता पार्टी में एक नहीं, अनेक ‘अय्यर’ हैं, उनसे ज्यादा अमर्यादित और असयंमित शब्द निकालने वाले! उन्हें अपशब्दों
धनंजय कुमार भोजपुरी फ़िल्मों के दर्शक पूरे बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में तो हैं ही, मुम्बई से लेकर
शिरीष खरे क्या मीडिया से गांव गायब हो गए हैं? जवाब है- हां। यदि कोई एक जगह से एक जगह
संगम पांडेय विकास बाहरी के नाटक ‘खिड़की’ में कथानक के भीतर घुसकर उसकी पर्तें बनाने और खोलने की एक युक्ति
धीरेंद्र पुंडीर गुजरात में दांडी यात्रा के बाद दिल्ली के रास्ते में आते वक्त सोच रहा था कि दांडी यात्रा
आशीष सागर यूपी के बुंदेलखंड का नाम नाम आते ही हर किसी के जेहन में भुखमरी, बेरोजगारी, बदहाल किसान और