राकेश कायस्थ क्या डर सिर्फ एक धारणा है? ठीक उसी तरह जिस तरह विकास एक धारणा है। धारणा यानी इंप्रेशन
Author: badalav
10 साल बाद मेरे शहर में सुप्रियो से मुलाकात
योग गुरु धीरज वशिष्ठ के फेसबुक वॉल से अमूमन मैं मीडिया में गुजारे अपने दिनों के अनुभवों को यहां शेयर
मी लॉर्ड! कुछ ‘गुनाहों’ का हिसाब अभी बाकी है!
धीरेंद्र पुंडीर अब बौने (हम पत्रकार) किसकी चरित्र हत्या करेंगे। केस में अभी सुप्रीम कोर्ट की दहलीज बाकि है। आरूषि
मीडिया, मानहानि और दबाव की मनमानी
राकेश कायस्थ अमित शाह के बेटे जय शाह की ओर से न्यूज़ पोर्टल द वायर के खिलाफ दायर किये गये
बेटी के नाम वरिष्ठ पत्रकार अजीत अंजुम का पत्र
सुनो आहना, तुम्हें पता है 11 अक्टूबर को इंटरनेशनल गर्ल चाइल्ड डे है? नहीं पता होगा शायद. दुनिया के लिए भले
मायानगरी के कबूतरों का ‘पैगाम’
‘राकेश कायस्थ शहर के कैरेक्टर को समझने के लिए सिर्फ इंसान की नज़र काफी नहीं होती। जीव-जंतुओं का व्यवहार भी
‘निंदक’ से इतनी नफरत ठीक नहीं मोदीजी
ब्रह्मानन्द ठाकुर भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने पिछले दिनों केन्द्र सरकार की आर्थिक नीतियों
पीएम साहब! जानबूझकर शल्य को सारथी मत बनाइए न
सुदीप्ति महाभारत मेरी रुचि का विषय है इसलिए जब एक भाषण में माननीय प्रधानमंत्री ने ‘शल्य’ का नाम लिया और
मां की आदत
मां ने पल्लू में अभी तक बांधकर रखी है मेरी पहली खिलखिलाहट जटामासी जैसे मेरे बालों के गुच्छे पोटली में
कुंदन शाह को ‘जाने भी दो यारों’
मयंक सक्सेना कुंदन शाह से दिल्ली में एक पत्रकार के तौर पर मिलना हुआ। पहली बार जब मिला था, तो छात्र