साहित्य के फलक पर नीलिमा वर्मा की एक और रचना

साहित्य के फलक पर नीलिमा वर्मा की एक और रचना

बदलाव प्रतिनिधि,मुजफ्फरपुर

मोतीझील के स्मृति प्लाजा में रविवार को डॉ नीलिमा वर्मा की कृति काव्याकाश के नखत और उन पर केंद्रित विशेषांक आदित्य संस्कृति का लोकार्पण किया गया. उद्घाटन कार्यक्रम के अध्यक्ष चितरंजन सिन्हा कनक, मुख्य अतिथि डॉ शारदाचरण व विशिष्ट अतिथि भगवती चरण भारती ने दीप प्रज्वलित कर किया.। तीनों अतिथियों को अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।. डॉ शारदाचरण ने कहा कि कविता जीवन की समीक्षात्मक अभिव्यक्ति होती है।. नीलिमा की प्रतिभा किसी सीमा का मोहताज नहीं है.। इनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विशेषांक प्रकाशित होना मुजफ्फरपुर के लिए गौरव की
बात है।भगवतीचरण भारती ने कहा कि नीलिमा वर्मा की कविताएं महादेवी वर्मा की याद ताजा कर देती है.। अध्यक्षीय संबोधन में चितरंजन सिन्हा कनक ने कहा कि नीलिमा वर्मा में असीम साहित्यिक ऊर्जा विद्यमान है। उदय नारायण सिंह ने भी नीलिमा वर्मा की कविताओं पर अपना विचार रखा।. इस मौके पर पटना के ओम प्रकाश जमुआर, दरभंगा के डॉ सतीश चंद्र भगत शेखर कुमार श्रीवास्तव, डॉ पुष्पा जमुआर, दिलीप कुमार, डॉ बीके मल्लिक, शैल केजरीवाल, रमेश प्रसाद श्रीवास्तव डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह ,डॉ सांत्वना भारती, अमिताभ कुमार सिन्हा, सविता राज, उषा किरण श्रीवास्तव, डॉ पुष्पा गुप्ता, नीलम कुमारी, किरण वर्मा, लोक नाथ मिश्र ने लेखिका के कृतित्व पर अपनी बातें रखी. संचालन लोकनाथ मिश्र और धन्यवाद ज्ञापन लेखिका डॉ नीलिमा वर्मा ने किया.।