छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य को पूर्ण साक्षर बनाने की दिशा में नया अभियान शुरू कर दिया है. उन्होंने साक्षरता मिशन को लेकर एक नई नीति और लक्ष्य निर्धारित किया है. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम, रायपुर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस उल्लास मेले में विभिन्न प्रदर्शनियों का अवलोकन किया. इसी कार्यक्रम में उन्होंने घोषणा की कि साक्षरता मिशन के तहत पूरे प्रदेश में एक लाख साक्षरता केंद्र खोले जाएंगे। इसके साथ ही सीएम विष्णुदेव साय ने बताया कि एक लाख स्वयंसेवी शिक्षक और वालंटियर्स तैयार किये जा रहे हैं, जो प्रदेश को पूर्ण रूप से साक्षर बनाने में योगदान देंगे.
छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार 2024 के दिसंबर तक छत्तीसगढ़ को पूर्ण रूप से साक्षर राज्य बनाने के लिए प्रतिबद्ध है. यह लक्ष्य विशेष रूप से उन क्षेत्रों पर केंद्रित है जहां साक्षरता दर अभी भी काफी कम है. आदिवासी क्षेत्र और ग्रामीण इलाकों में इस अभियान पर ज़्यादा ज़ोर दिया जा रहा है.
मुख्यमंत्री साय ने इस नई पहल के अंतर्गत साक्षरता दर बढ़ाने के लिए कई ठोस कदम उठाने की योजना बनाई है. उन्होंने कहा कि इस मिशन के तहत एक लाख नए शिक्षा केंद्रों की स्थापना की जाएगी, जो स्थानीय भाषाओं और संस्कृति को ध्यान में रखते हुए शिक्षा प्रदान करेंगे. इसके अलावा, एक लाख से अधिक प्रशिक्षित वॉलंटियर्स की नियुक्ति की जाएगी जो विशेष रूप से निरक्षर और कम साक्षर क्षेत्रों में काम करेंगे.
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि साक्षरता मिशन के तहत डिजिटल शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाएगा. इसके लिए, प्रत्येक जिले में डिजिटल शिक्षा केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जहां ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों के लोग भी डिजिटल साक्षरता प्राप्त कर सकेंगे. इसके अलावा, राज्य सरकार ने पाठ्यक्रम को और अधिक सुलभ और समझने योग्य बनाने के लिए नई पाठ्यपुस्तकें और शैक्षिक सामग्री तैयार करने का निर्णय लिया है. विष्णुदेव साय ने इस मिशन की सफलता के लिए जन सहयोग की भी अपील की है. उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गों को मिलकर इस मिशन में भाग लेना चाहिए, ताकि छत्तीसगढ़ को एक साक्षर और शिक्षित समाज की ओर अग्रसर किया जा सके.
सीएम विष्णुदेव साय ने प्रदर्शनी के प्रतिभागियों से बातें की और काफ़ी समय उनके साथ गुज़ारा. बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान के लिए नवाचारी गतिविधियों पर केंद्रित यह राज्य स्तरीय प्रदर्शनी लोगों के लिए महत्वपूर्ण और ज्ञानवर्धक है. इस नई पहल के जरिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने यह स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षा और साक्षरता राज्य के विकास की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है. यह कदम छत्तीसगढ़ के सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है.
छत्तीसगढ़ साक्षरता मिशन, जो राज्य के शैक्षिक परिदृश्य को सुधारने के उद्देश्य से शुरू किया गया है, ने साक्षरता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति की है. इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में साक्षरता दर को बढ़ाना और शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है. मिशन ने राज्य के शिक्षा विभाग के साथ मिलकर कई रणनीतियों को अमल में लाया है, जैसे कि विशेष रूप से आदिवासी और पिछड़े इलाकों में शिक्षा केंद्रों की स्थापना, साक्षरता वर्गों का आयोजन और स्थानीय भाषा में शैक्षिक सामग्री का वितरण. इस मिशन के तहत कई योजनाएं चलाई गई हैं, जैसे कि ‘साक्षर छत्तीसगढ़ अभियान’, जो विशेष रूप से निरक्षर लोगों को शिक्षा के लाभों के बारे में जागरूक करने पर केंद्रित है. इसके अलावा, मिशन ने शिक्षा के प्रति समुदाय की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न जागरूकता अभियान भी चलाए हैं.
बदलाव के लिए सर्बानी शर्मा की रिपोर्ट