दयाशंकर मिश्र बदला किसी भी रूप में सुखकारी नहीं, बात केवल हिंसा की नहीं. प्रेम में बदले की कामना हिंसा
Category: मेरा गांव, मेरा देश
ढिंढोरा पीटने की आदत बदल डालें
दयाशंकर मिश्र हम पूरी ऊर्जा लगा देते हैं यह बताने में कि किसके लिए अब तक क्या-क्या किया! कर्तव्य का
अंधेरे बंद कमरे में रौशनदान की तरह थे कमल दीक्षित
कमल दीक्षित अजात शत्रु थे, वो किसी पर अविश्वास नहीं करते थे, सभी का आत्मीय भाव से स्वागत करते थे।
मीडिया के दिग्गज देख लें आंदोलनों का ‘देस-गांव’
प्रिय दर्शन हिंदी पत्रकारिता में पिछले कुछ वर्षों में छिछलापन लगातार बढ़ा है। अब न वैसे बौद्धिक संपादक बचे हैं
पूर्णिया में मीडिया कार्यशाला की ‘सोपान कथा’
पुष्य मित्र जब से मैने पूर्णिया के मीडिया कार्यशाला में प्रशिक्षक के रूप शामिल होने के लिये सोपान भाई से
बंसी कौल की स्मृति में रंग-दस्तक
राकेश मालवीय स्मृतियां जब दस्तक देती हैं तो आपको हंसाती हैं, रुलाती हैं, गुदगुदाती हैं, कुछ जोड़ती हैं, कुछ घटाती
एक कप प्याली की ऊष्मा और मिठास से भरे सोलंकी सर
पशुपति शर्मा चन्द्रभान सिंह सोलंकी। मीडिया के उन कुछ चुनिंदा लोगों में हैं, जिनसे मैं हमेशा कुछ सीखता रहा हूँ।
अपने गुरु से नाता जोड़, कहां गए मेरे गुरु हमको छोड़
पशुपति शर्माबंसी दा ने अपने गुरु नेमिचंद्र जैन की स्मृति में एक नाटक का ताना-बाना बुना- ‘साक्षात्कार अधूरा है’। नाटक
इलाहाबाद में रंग प्रेमियों ने मनाया बंसी दा की स्मृतियों का उत्सव
‘निर्देशक नाटक में रहते हुए भी मंच पर अनुपस्थित रहकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराता है।आज बंसी कौल भले ही शारीरिक
सागर में आकाश चौरसिया की मल्टी लेयर फार्मिंग की कार्यशाला
अगर आप मल्टी लेयर फार्मिंग करना चाहते हैं तो आपके लिए आकाश का दरवाजा खुला है । मध्य प्रदेश के