सत्येंद्र कुमार यादव “सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान फौज में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन उनकी कम उम्र
Author: badalav
येदि का घमंड, सिद्धा का समर्पण और पलट गई बाजी
धीरेंद्र पुंडीर बौने नया हीरो गढ़ रहे हैं क्योंकि नायक या खलनायक के बिना कोई फ़िल्म नहीं होती। बौनों के
बीजेपी में गजब की पारदर्शिता है!
राकेश कायस्थ बीजेपी के आप कितने बड़े आलोचक क्यों ना हो राजनीतिक जीवन में पारदर्शिता स्थापित करने का क्रेडिट उसे
100 सिद्धारमैया, 100 अफसाने और बौनों का संसार
धीरेंद्र पुंडीर खूबसूरत हरे भरे खेत। लाल फूलों से लदे हुए गुलमोहर और हिंदुस्तानी देहात का लगभग एक जैसा मन।
बच्चों के चेहरों पर देखे हमने पुस्तकों के ‘मंजर’
टीम बदलाव पुस्तकों के बीच बच्चे और अभिभावक। पके हुए आमों को देखकर जो सुख होता है, उससे कहीं ज्यादा
पियर गांव में बच्चों की पुस्तकों से दोस्ती
टीम बदलाव कुछ इत्तेफाक भी बेहद खूबसूरत हुआ करते हैं। बच्चों की छुट्टियां हो रही हैं और मुजफ्फरपुर के गांव
12 हज़ार फीट की ऊंचाई पर बसे दांतू गांव की ‘अन्नपूर्णा’
अशोक पांडे के फेसबुक वाल से हिमालय की गोद में बसी एक ऐसी घाटी जहां पहुंचने के लिए आपको करीब
सांसद पुष्पेंद्र सिंह के आदर्श गाँव पिपरामाफ़ का हाल
कीर्ति दीक्षित पिपरामाफ़ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश का सीमावर्ती गाँव है। 2011 की जनगणना के अनुसार जनसँख्या 4386 है। लगभग
रंगकर्म की दुनिया, निजी ज़िंदगी और स्त्री पात्र
अनिल तिवारी वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल तिवारी अपने रंगकर्म के 50 बरस के अनुभवों को फेसबुक पर साझा कर रहे हैं।
कर्नाटक में फिलहाल तो मोदी ने बढ़त बना ली है
धीरेंद्र पुंडीर सिद्धारामैया को कांग्रेस ने जीत के लिए हर दांव की छूट दी। अलग झंडा, हिंदी से नफरत और