ऐसे बहुत कम ननिहाल होते हैं , जहाँ ना माँ होती है। ना मामा और ना नानी होती है लेकिन
Author: badalav
कोलकाता में 24 जून को विनय तरुण स्मृति व्याख्यान
विनय तरुण स्मृति व्याख्यान – 2018 का आयोजन कोलकाता में 24 जून 2018 रविवार को होगा। इस बार का विषय है
मुंदरी
डॉक्टर प्रीता प्रिया हॉस्टल के लान में पुरवइया सी दौड़ती -भागती, हंसती- खिलखिलाती लड़कियों के झुंड के सामने अचानक ही
छुट्टियों में घर गया तो समेट लाया कुछ प्यारी यादें
सुबोध कांत सिंह मंजिल यूं ही नहीं मिलती राही को जुनून सा दिल में जगाना पड़ता है पूछा चिड़िया को
दरमा घाटी जाएं तो कुछ टॉफी चॉकलेट जरूर ले जाएं
विनोद कापड़ी के फेसबुक वॉल से दरमा घाटी की सैर जितनी यादगार है, उससे कहीं ज्यादा रोमांचकारी। रास्ता जितना दुर्गम
य़थार्थवाद के ठप्पे को ध्वस्त करता रवि तनेजा का कोणार्क
संगम पांडेय रवि तनेजा की प्रस्तुति कोणार्क अकेला ऐसा नाटक है जिसे मैंने देखने के पहले ही पढ़ रखा था।
पाठकों को मिलेगा ‘नारद कमीशन’ का आनंद
डा.सुधांशु कुमार … बात यदि मानवों तक की रहती तो एक बात थी किंतु यहां तो ‘छिच्छकों’ का अति पेचीदा
राजनाथ सिंह के गोद लिए गांव बेती का हाल
जयंत कुमार सिन्हा लखनऊ का नाम आते ही नजर में कौध जाती है गोमती पर बिखरी गुलाबी शामें, लखौड़ियों से
ग्लोबल लीडर मोदी के किस्सों की नई किताब तैयार है
सत्येंद्र कुमार यादव “सन् 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान फौज में भर्ती होना चाहते थे, लेकिन उनकी कम उम्र
येदि का घमंड, सिद्धा का समर्पण और पलट गई बाजी
धीरेंद्र पुंडीर बौने नया हीरो गढ़ रहे हैं क्योंकि नायक या खलनायक के बिना कोई फ़िल्म नहीं होती। बौनों के