पीयूष बबेले उनके भीतर एक घड़ी है, जो लगातार काम की रफ्तार को सांसों की रफ्तार से तेज किए रहने
Author: badalav
ग्रीस मेट्रो में ‘गायब पर्स’ और ‘जय हिंद’ के हिलोरे
सच्चिदानंद जोशी पुणे जाना था। हमेशा की तरह आफिस से निकलते निकलते देर हो गयी। शाम के समय फ्लाइट पकड़ना
‘जंजीर ‘ से ‘चीनी कम’ तक खयाल आता है…
प्रवीण कुमार अमिताभ तमाम खूबियों के बीच दृढ़-संकल्प, सहज , हर मौसम में काम करने वाले इंसान के कारण अजीज
इस पल का कोई मोल नहीं
अखिलेश कुमार के फेसबुक वॉल से साभार बच्चों को कहानियां सुनाने का अपना अलग ही मजा है । फिर से
मानसिक रोगियों की सुध कब लेगी बिहार सरकार ?
पुष्य मित्र आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस है। इस मौके पर आपसे एक सूचना साझा करना है कि रांची के
गांव पुरैनी में ‘मन का रावण’ जलाएंगे क्या लोग?
पशुपति शर्मा पुरैनी मेरा पुश्तैनी गांव। अब गांव आना-जाना कम ही होता है। बाप-दादा की पुश्तैनी संपत्ति अब वहां रही
विकास की अंधी दौड़ में प्रकृति से दूर होता इंसान
ब्रह्मानंद ठाकुर गांधी और व्यावहारिक अराजकवाद सिरीज के अन्तर्गत अभी तक आप विभिन्न अराजकवादी चिंतकों के विचारों से अवगत
शब्दों की हिंसा फैलाने वालों से भी ‘संवाद’ करना होगा
प्रवीण कुमार लगातार बातों, गरमा-गरम बहसों के दौर मेंसबसे खतरनाक है, सब कुछ सुनकर भी चुप रह जाना ठोस अनुभवों
प्रतिस्पर्धा की सभ्यता ने खत्म कर दी सहयोग की भावना
ब्रह्मानंद ठाकुर जाने – माने समाजवादी चिंतक सच्चिदानन्द सिन्हा की पुस्तक ‘ गांधी और व्यावहारिक अराजकवाद ‘ की शृंखला की तीसरी
गांधी की बुनियादी शिक्षा और बदलाव की मुहिम
बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर महात्मा गांधी ने 1910 में दक्षिण अफ्रीका में टाल्सटाय आश्रम में जिस तरह की शिक्षा की शुरुआत