अरुण यादव गांव की हरियाली और शुद्ध दाना-पानी छोड़कर युवा बड़ी उम्मीद लेकर शहरों की तरफ भागे चले आते हैं।
Author: badalav
‘ठेले’ से ‘ठेके’ तक उनके ‘ठेंगे’ पर है कोरोना!
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार कोरोना काल- एक वो मौत हथेलियों परलेकर निकले हैंअपनों को मौत बांटने नहींअपनों
यादों की ‘दस्तक’ से जाग उठा प्रोफेसर परमानंद!
प्रवीण कुमार दस्तक की यादों के सिलसिले को साझा करने के लिए कई साथी सामने आए हैं, आलम यह है
कोरोना से जंग का ‘दाना-पानी’ बांट रहे हैं ‘हम भारतीय’
कोरोना संकट को भारत में आए करीब 3 महीना बीत चुका है और देश 38 दिन से लॉकडाउन में है
बलरामपुर के भक्त को सेवा से ‘साईं दर्शन’
रवि किशोर श्रीवास्तव दिल्ली हो या मुंबई…सुबह 10 बजे से 12 बजे तक आपको चौक चौराहों पर लाइन नज़र आएगी।
कोरोना संकट के बीच सबसे ज्यादा निराश मीडिया ने किया-अखिलेश कुमार
अरुण यादव कोरोना की वजह से देश की रफ्तार थम गई है। हर तरफ सन्नाटा है और इस सन्नाटे में
गांधी के सपने को साकार करती मुजफ्फरपुर की ‘पंचायत सरकार’
मुजफ्फरपुर से सूर्यमणि की रिपोर्ट अपनी पंचायत, अपनी सरकार मुहिम को साकार करती बिहार के मुजफ्फरपुर में बंदारा प्रखंड का
जौनपुर के नौपेड़वा में कोरोना के खिलाफ प्रदीप का जागरुकता अभियान
बदलाव प्रतिनिधि, जौनपुर पूरी दुनिया कोरोना संकट से जूझ रही है । हिदुस्तान में भी कोरोना का कहर लगातार बढ़ता
किशनगंज के वर्दी वाले कोरोना वॉरियर्स से लव न करें तो क्या करें?
पूरा देश कोरोना संकट का सामना कर रहा है। हम घर में रहकर देश के लिए अपना योगदान दे रहे
कुछ अलग करने का जज्बा है तो JNU की वजह से है- अमित कुमार
जेएनयू यानी जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय को देखने के दो नजरिये हैं। एक नजरिया उनका है, जो इस कैंपस में रहे