गांधी के सपने को साकार करती मुजफ्फरपुर की ‘पंचायत सरकार’

गांधी के सपने को साकार करती मुजफ्फरपुर की ‘पंचायत सरकार’

मुजफ्फरपुर से सूर्यमणि की रिपोर्ट

अपनी पंचायत, अपनी सरकार मुहिम को साकार करती बिहार के मुजफ्फरपुर में बंदारा प्रखंड का बंदरा पंचायत । पहले आप इन तस्वीरों पर नजर डालिए । ये ना तो कोई निजी स्कूल है और ना ही किसी का घर बल्कि एक पंचायत भवन है । जो बाहर से दिखने में जितना बेहतरीन नजर आ रहा है भीतर से उतना ही साफ-सुधरा और इसका पूरा श्रेय जाता है पंचायत की मुखिया श्रीमती गीता गुप्ता को । जो अपनी पंचायत अपनी सरकार योजना का पूरी तरह सार्थक कर धरातल पर उतार चुकी हैं और दूसरे जिलों के लिए एक मिसाल भी बन रही हैं।

पंचायत प्रमुख गीता अपना पंचायत सरकार भवन को अपने घर से भी ज्यादा साफ एवं सुधरा रखती हैं । पंचायत भवन में आपको अमुमन वो सारी सुविधाएं मिल जाएंगी जो किसी भी प्रशासनिक कार्यालय में मिलती होंगी । पंचायत स्टाफ के बैठने की जगह से लेकर मीटिंग हॉल सबकुछ बहुत सिस्टमेटिक है । पंचायत भवन में बाकायदा 16 सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं । देश दुनिया में क्या हो रहा है उसके लिए बाकायदा डिश टीवी का भी इंतजाम किया गया है, जो अमूमन किसी ग्रामीण पंचायत भवन में कम ही देखखने को मिलता है ।

इतना ही नहीं पंचायत भवन पूरी तरह हाइटेक है और वायफाय से जुड़ा हुआ है । हर कर्मचारी के लिए अपना-अपना चैंबर बना हुआ है । सुबह कर्मचारियों के पहुंचने से पहले खुद पंचायत मुखिया वहां पहुंचती हैं और बिना किसी का इंतजार किए अगर साफ-सफाई में कोई कमी है तो खुद उसकी सफाई में जुट जाती हैं । शायद गीता गुप्ता की यही लगनशीलता पिछले दिनों उन्हें गांव को कोरोना से मुक्त बनाए रखने के लिए सैनिटाइजर का छिड़काव करने के लिए प्रेरित किया और वो खुद पूरे गांव में सैनिटाइजर का छिड़काव किया ।

कोरोना संकट के बीच जब पंचायत प्रमुख गीता गुप्ता खुद गांव वालों को सुरक्षित रखने की मुहिम में जुटी और तस्वीरें वायरल हुईं तो जिलाधिकारी का ध्यान इस पंचायत की ओर गया लिहाजा जिलाधिकारी को खुद पंचायत का निरीक्षण करने बंदरा गांव का रुख करना पड़ा । जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने जब अपनी पंचायत अपनी सरकार की तर्ज पर बने इस पंचायत भवन को देखा और गीता गुप्ता की काफी तारीफ की । जिलाधिकारी के आने के बाद अब ये पंचायत भवन सेल्फी का केंद्र बन गया है। आसपास के गांव के लोग यहां आते हैं और सेल्फी खिंचाकर जाते वक्त ये अफसोस जाहिर करते हैं कि आखिर उनके गांव में ऐसा पंचायत भवन क्यों नहीं है ।

गीता गुप्ता

बंदरा के इस पंचायत भवन में एक सुंदर पार्क भी है। पंचायत भव के पश्चिम तोरण द्वार पर एक अशोक स्तंभ लगा हुआ है जो अपने आप में एक आकर्षक का केंद्र है । यही नहीं इस पंचायत भवन में ग्राम कचहरी भी है, जिसमें गांव से जुड़े मामलों की सुनवाई होगी है ।पंचायत प्रमुख गीता गुप्ता का कहना है गांधी जी का सपना था कि पंचायत मजबूत होगी तभी देश मजबूत होगा । गांधी जी के आदर्शों से प्रभावित गीता गुप्ता खुद मास्क बनाती हैं और गांववालों को बांटती हैं ।

सूर्यमणि / बिहार के मुजफ्फरपुर के निवासी। एक दशक से लेखन कार्य में सक्रिय । दैनिक आज, प्रभात ख़बर समेत कई अखबारों से जुड़े रहे हैं । सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यों में रुचि ।