कोरोना ने पूरी दुनिया में उथल-पुथल मचा दी है । हिंदुस्तान भी उससे अछूता नहीं रहा है । कल तक
Author: badalav
तुम ही रहोगे !
नीलू अखिलेश कुमार तुम थे, तुम हो ,तुम ही रहोगे । अच्छा किया तुमनेजो बीमारी की तरहपटे आ रहे अपने
हां मैं थोड़ा स्वार्थी हूं
मोना चौहान के फेसबुक वॉल से साभार मैं भारत का नागरिक हूँहाँ मैं थोड़ा स्वार्थी हूँआज मुझे मतलब है खुद
‘मजदूर को मजबूर किया फिर किया बदनाम’
सुनील श्रीवास्तव की फेसबुक वॉल से साभार उसे आप ने शराबकी दुकान पर देखा,उसकी फटी कमीज़ देखी,फटा पैंट भी देखा
क्यों कर रही हो इतना चीं-चीं ?
नीलू अखिलेश कुमार क्यों कर रही हो इतना चीं-चींकिमेरे सारे काम रुक गए हैं ।देखोशाम ढली। तुम्हारे जैसेकितने ही पक्षीलौट
‘भलु लगद’ वाले सुधीर हैं समाज का ‘फील गुड’ फैक्टर
अरुण यादव गांव की हरियाली और शुद्ध दाना-पानी छोड़कर युवा बड़ी उम्मीद लेकर शहरों की तरफ भागे चले आते हैं।
‘ठेले’ से ‘ठेके’ तक उनके ‘ठेंगे’ पर है कोरोना!
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार कोरोना काल- एक वो मौत हथेलियों परलेकर निकले हैंअपनों को मौत बांटने नहींअपनों
यादों की ‘दस्तक’ से जाग उठा प्रोफेसर परमानंद!
प्रवीण कुमार दस्तक की यादों के सिलसिले को साझा करने के लिए कई साथी सामने आए हैं, आलम यह है
कोरोना से जंग का ‘दाना-पानी’ बांट रहे हैं ‘हम भारतीय’
कोरोना संकट को भारत में आए करीब 3 महीना बीत चुका है और देश 38 दिन से लॉकडाउन में है
बलरामपुर के भक्त को सेवा से ‘साईं दर्शन’
रवि किशोर श्रीवास्तव दिल्ली हो या मुंबई…सुबह 10 बजे से 12 बजे तक आपको चौक चौराहों पर लाइन नज़र आएगी।