अनीश कुमार सिंह केरवा के पात पर उगेलन सूरूज मल झांके-झुंके… ये गाना घर-घर में बज रहा था लेकिन घर
Author: badalav
लोक में बसी बराबरी की चेतना का महापर्व है छठ
रूपेश कुमार आज महापर्व छठ है। एक साल के इंतज़ार के बाद छठ का पर्व आया है। दिल्ली सहित पूरे
जी हुजूर! रिश्वत जान ले रही है, आप तो तमाशा देखिए
दिवाकर मुक्तिबोध छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार के सवाल पर राज्य सरकार की ‘ज़ीरो टॉलरेंस’ की नीति है। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह
गांवों में दरकती शादियां और बिखरती ज़िदगियां
मनीष मनोहर मैं बिहार के सुदूर उत्तरवर्ती जिला सुपौल का रहने वाला हूं और पढाई लिखाई करने के बाद पिछले 11
एक बार ये लिट्टी खा कर तो देखिए…
अनीश कुमार सिंह जब पेट में चूहे दौड़ते हैं न साब तो आदमी ये नहीं सोचता कि कौन सा काम
50 साल से खेतों में ही है उसका बसेरा
बरुण के सखाजी छत्तीसगढ़ के चिल्पीघाटी की पश्चिमी तलहटी में धबईपानी के पास 80 वर्षीय महिला जेठिया बाई अपने पूर्वजों
नो क्रेकर्स मुहिम सिर्फ नारों-इश्तहारों तक
धुआं धुआं शहर दिवाली पर मिठाइयां खाकर लोगों ने भले ही मुंह मीठा किया हो लेकिन पटाखे फोड़ कर दिल्ली
इस दीवाली उसके घर रिद्धि-सिद्धि आई हैं!
पशुपति शर्मा आज दीवाली है। आज के दिन हम हमेशा मां से रिद्धि-सिद्धि के किस्से सुनते आए हैं। लेकिन आज
दीवाली बिहारे में… बूझे काहे नहीं ‘शाह-बुझक्कड़’
शंभु झा बिहार चुनाव के नतीजों पर आपने काफी विश्लेषण और समीक्षाएं अब तक पढ़ ली होंगी। बड़े बड़े राजनीतिक पंडित,
‘जनता की राजधानी’, ये लड़ाई इतनी आसान भी नहीं
पुरुषोत्तम असनोड़ा उत्तराखण्ड की ‘जनता की राजधानी’ के नाम से विख्यात गैरसैंण में 2 नवम्बर से आयोजित विधान सभा सत्र