नो क्रेकर्स मुहिम सिर्फ नारों-इश्तहारों तक

धुआं धुआं शहर

दिवाली मनाई, हवा में जहर क्यों फैलाई?

दिवाली पर मिठाइयां खाकर लोगों ने भले ही मुंह मीठा किया हो लेकिन पटाखे फोड़ कर दिल्ली समेत कई शहरों की हवा में जहर घोल दिया। दिवाली पर पर्यावरण का दिवाला निकल गया। प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि वर्ल्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स को अलर्ट जारी करनी पड़ा। बच्चों, वृद्धों और मरीजों पर इसका गंभीर असर पड़ेगा। दिल्ली में रियल टाइम एयर क्वालिटी इंडेक्स 350 से ज्यादा था। वहीं यूपी के गाजियाबाद में 523 पहुंच गया। बताया जा रहा है कि दिल्ली में सामान्य से पांच गुना ज्यादा प्रदूषण बढ़ गया है।

AQI

दिवाली की रात प्रदूषण 1200-1500 माइक्रो ग्राम मीटर क्यूब बढ़ जाता है। हालांकि दूसरे दिन से धीर-धीरे गिवारट होने लगती है और 4-5 दिन में ये 500 माइक्रो ग्राम मीटर क्यूब तक वापस आ जाता है। नीचे दिए चार्ट से आप अनुमान लगा सकते हैं कि आप कितनी साफ हवा में जी रहे हैं?

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बच्चों के साथ पत्रकार वंदना अवस्थी दुबे
बच्चों के साथ पत्रकार वंदना अवस्थी दुबे

पीएम मोदी की अपील के बाद भी लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े। प्रदूषण के बारे में जानकारी होते हुए भी लोग मनमानी करते हैं, जानबूझकर गंदगी फैलाते हैं। पीएम मोदी के साथ कई जागरुक नागरिक भी इस बात से चिंतित हैं। पत्रकार वंदना अवस्थी दुबे फेसबुक ( https://www.facebook.com/vandana.a.dubey ) लिखती हैं- ‘कल बच्चों ने आतिशबाजी खरीदने/चलाने से इसलिए इनकार कर दिया कि जब हम चलाना नहीं बंद करेंगे तो दूसरों को मना कैसे करेंगे? बच्चे बड़े हो गए हैं।’ 

दिवाली पर जमकर हुई आतिशबाजी से बढ़े प्रदूषण पर वरिष्ठ पत्रकार प्रताप सोमवंशी ने ट्वीट किया- पटाखों से दिल्ली की सुबह आज औसत से 23 गुना ज्यादा जहरीली हुई। नो क्रेकर्स मुहिम नारों-इश्तहारों तक। हमें पढ़े-लिखे और सभ्य कहलाने का हक नहीं।‘ यानि हम सुधरेंगे तभी हवा साफ होगी या समाज सुधरेगा।