एक ऐसा गांव जो समंदर के बीच खड़ा है। सूरज की रोशनी, बारिश का पानी और समंदर की मछलियों से ही
Author: badalav
गैरसैंण का मुकद्दर अमरावती सा क्यों नहीं?
पुरुषोत्तम असनोड़ा उत्तर और दक्षिण में सचमुच अंतर है। न केवल जलवायु, भाषा और संस्कृति का बल्कि कार्य पद्धति का
चुनावी महाभारत ‘बेईमान’… फिर भी नेताजी ‘अच्छे आदमी’ !
पुष्यमित्र “हमारे यहां के चुनावी माहौल के बारे में क्या जानना है? यह बात तो लगभग जग-जाहिर है कि हम
बीफ
विवेक मिश्रा अरे यार। नहीं…नहीं…धत। छि:। दुष्यंत श्रीवास्तव ये क्या किया तुमने। यह कहते हुए नाक सिकुड़ी हुई थी मोहन
बिहार के रण में मीडिया के रणबांकुरे
एपी यादव बिहार की चुनावी चासनी में हर कोई डूबा है। बस इंतजार है तो 8 नवंबर का जब इस
ग़रीबी के जाल में मछली से तड़फड़ा रहे हैं मछुआरे
पुष्यमित्र जातियों के नाम पर लड़े जा रहे इस चुनाव में निषाद जाति की बड़ी चर्चा है। दोनों बड़े गठबंधन
तुम निडर डरो नहीं, तुम निडर डटो वहीं
अरुण प्रकाश डीएम साहब सुनते नहीं, सचिव महोदय के पास फुरसत नहीं, सीईओ (मुख्य कार्यपालन अधिकारी ) को परवाह नहीं।
सुनपेड की ‘दबंग कथा’ पर मीडिया से ‘दबंग’ सवाल
धीरेंद्र पुंडीर हर घटना एक दम LIVE। आंखों के सामने। सच का सच। दूध का दूध, पानी का पानी। शीशे
सूखे खलिहान, कौन लाएगा ‘हरिहर विहान’ ?
पुष्यमित्र इन दिनों पटना समेत बिहार के सभी शहरों और कस्बों में चौक-चौराहे लाल, पीले और हरे रंगे के होर्डिंग्स से
‘रावणों’ ने किया एक बेटी का ‘जिंदा-दहन’!
हरिगोविंद विश्वकर्मा वह सपने देखने वाली लड़की थी। देहात और ग़रीब परिवार की लड़की। करियर बनाने का दृढ़ संकल्प ले