देश में टेक्नोलॉजी का विस्तार जितनी तेजी से हो रहा है, उतनी ही तेजी से सवाल उठ रहे हैं: क्या हम सभी इस डिजिटल युग के फायदों का पूरा लाभ उठा रहे हैं? क्या हमें जो जानकारी इंटरनेट से मिलती है, वह विश्वसनीय है? और सबसे महत्वपूर्ण, क्या हमारे समाज का हर वर्ग इस तकनीकी क्रांति का हिस्सा बन पा रहा है?
जब भी हमें किसी सेवा की आवश्यकता होती है, चाहे वह एक अच्छे रेस्तरां की तलाश हो, किसी नए शहर में डॉक्टर से परामर्श लेना हो, या घर के लिए कोई विश्वसनीय कारीगर ढूंढना हो, हम अक्सर ऑनलाइन समीक्षा और रेटिंग्स पर भरोसा करते हैं। लेकिन आज की दुनिया में, जहां फर्जी समीक्षाएं, बॉट्स और पैसों से खरीदी गई रेटिंग्स आम हो चुकी हैं, इस रेटिंग्स का क्या मोल है?
यहीं पर “बतइयो” आता है, एक ऐसा नया प्लेटफ़ॉर्म, जो इन समस्याओं का समाधान लेकर आया है। बतइयो का ज़ीरो-कमीशन मॉडल सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव है। यह प्लेटफ़ॉर्म लोगों को उनके दोस्तों और परिचितों के नेटवर्क के माध्यम से विश्वसनीय सेवाएं खोजने का एक बेहतर और पारदर्शी तरीका प्रदान करेगा।15 अगस्त 2024 से रजिस्ट्रेशन के साथ ही आपकी ज़िंदगी में एक नया दौर शुरू हो सकता है. आप यार दोस्तों से कह सकते हैं ‘बतइयो’ तो.
आज की सेवा पर आधारित अर्थव्यवस्था में, सेवा प्रदाताओं को उच्च कमीशन चुकाने की वजह से उनके मुनाफे में कमी हो जाती है, और उपभोक्ताओं को भी सेवाएं महंगी पड़ती हैं। बतइयो इस असमानता को खत्म करता है। यहां सेवा प्रदाताओं को कोई भी कमीशन नहीं देना पड़ता, जिससे उनकी पूरी कमाई उन तक पहुंचती है। इससे उपभोक्ताओं को उचित दाम पर सेवाएं मिलती हैं और साथ ही सेवा प्रदाता भी नए अवसरों का लाभ उठा सकते हैं, जिससे एक भरोसेमंद और न्यायसंगत डिजिटल चेन बन सकती है।
बतइयो महज व्यावसायिक प्लेटफ़ॉर्म नहीं है, यह इससे कहीं ज़्यादा एक सामाजिक मिशन है। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बतइयो आपके बीच आया है तो एक बड़ी सोच और बड़े मिशन के साथ. रजिस्ट्रेशन कर आप इस सफ़र के साझीदार बन सकते हैं, जिसका उद्देश्य उन लोगों को सशक्त बनाना है, जो अब तक डिजिटल दुनिया से वंचित रहे हैं। इस पहल के जरिए, बतइयो उन लोगों को डिजिटल शिक्षा और कौशल प्रदान करेगा, जो अभी तक इस तकनीकी दुनिया में प्रवेश भी नहीं कर पाए हैं। यह पहल डिजिटल-इंडिया और आत्मनिर्भर-भारत जैसे राष्ट्रीय अभियानों के उद्देश्यों के साथ मेल खाती है, जिससे हर भारतीय नागरिक को डिजिटल रूप से सशक्त बनने का अवसर मिलेगा।
यहां सबसे खास बात ये है कि बतइयो का यह कदम सिर्फ एक प्लेटफ़ॉर्म से कहीं आगे बढ़कर है, क्यूंकि इसका उद्देश्य उन लाखों लोगों तक पहुंचना है, जो अभी तक डिजिटल सुविधाओं से वंचित हैं। इसीलिए यह प्लेटफ़ॉर्म न केवल सेवा प्रदाताओं और उपभोक्ताओं के बीच विश्वास का सेतु बनाएगा, बल्कि उन समुदायों में भी बदलाव लाएगा, जहां डिजिटल पहुँच अभी उतनी नहीं है, उसका इस्तेमाल कम हो रहा है.
बतइयो का आइडिया हरियाणा के हांसी शहर के जितेन्द्र भूटानी का है, उनका मानना है, कि बतइयो के माध्यम से, भारत का हर नागरिक डिजिटल दुनिया में अपनी पहचान बना सकेगा और साथ ही देश की प्रगति में अपना योगदान भी दे सकेगा।
15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस प्लेटफ़ॉर्म पर रजिस्ट्रेशन शुरू हो रहा है। इसके साथ, सेवा-प्रदाता और उपभोक्ता एक न्यायसंगत और पारदर्शी प्रणाली में साझीदार बन सकेंगे. एक दूसरे के कौशल का लाभ उठा सकेंगे, एक दूसरे के संसाधनों का लाभ एक-दूसरे को पहुँचा सकेंगे. इस एप से डिजिटल युग में एक नई क्रांति की शुरुआत होने की आशा है.