कल सवेरा मुस्कुराएगा

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पीके ख्याल 

नव वर्ष का सूरज, बीते बरस का अंधेरा मिटाएगा,

मत हो उदास सुबह आकर सवेरा मुस्कुराएगा । ।

चमन चमन फूल खिलेंगे,

भंवर में भी साहिल मिलेंगे ।

गम का कहीं साया ना होगा,

देश में कोई पराया ना होगा ।

अंधे कानून की आंखों में,

फिर इंसाफ़ जगमगाएगा ।

नव वर्ष का सूरज, बीते बरस का अंधेरा मिटाएगा,

मत हो उदास सुबह आकर सवेरा मुस्कुराएगा । ।

झर झर झरने खुशियों के झरेंगे,

कुबेर आकर धन का भंडार भरेंगे

हर तरफ खुशनुमा नज़ारा होगा,

सोने की चिड़ियां भारत दोबारा होगा ।

भारत सिरमौर बनकर फिर जगमगाएगा,

नव वर्ष का सूरज बीते बरस का अंधेरा मिटाएगा ।

मत हो उदास सुबह आकर सवेरा मुस्कराएगाफोटो1

सबका आपस में मधुर संबंध होगा,

ज़ुल्म और अन्याय बिल्कुल बंद होगा ।

कोई एक दूसरे को नहीं काटेगा,

जात-पात के नाम पर नहीं बांटेगा ।

नव वर्ष का सूरज बीते बरस का अंधेरा मिटाएगा,

मत हो उदास सुबह आकर सवेरा मुस्कुराएगा ।।