आपका वक्त बदलने वाला है !

कीर्ति दीक्षित

सुनाती  हूँ आप सबको एक मजेदार यात्रा वृतान्त ।

एक ट्रेन यात्रा के दौरान, मुलाकात हो गई हमारे एक भूतपूर्व बॉस से श्रीमान ,

हमने कहा सर जी प्रणाम , बाल बच्चों  के क्या हाल चाल,

सर जी थोड़ा  मुस्कराए फिर बोले

 ” ईश्वर  ने दये हैं लड़का गिनती के चार,

दो हैं सेंट्रल जेल में दो चल रहे फरार  ..”

हम भी मुस्कराए , तो बॉस बोले ,

समझदार हैं आप भी हमारी भूतपूर्व एम्प्लोयी,

हमने फिर कह ही डाला  

 बॉस आपको हो ढेरों  बधाई 

आपके सुपुत्रों ने खूब तरक्की  है पाई ,

सर जी बोले हमने तो बस अपनी जिम्मेदारी निभाई 

अपने बच्चों  को वो तालीम दिलाई 

जिसमें है सबसे ज्यादा कमाई।

सर जी गदगद होकर बोले,

 हमारे भी दिन बदलने वाले हैं बच्चे ,

कई दलों से आ रहे हैं लड़कों को  चुनाव लड़वाने के लिए पर्चे,

अब हमारे  घर में एक नहीं दो नहीं पूरे  चार चार मंत्री होंगे …

अपनी तो ऐश है, अब तो बस लाइफ सेट है।।

बस तिजोरियां खरीदने जा रहा हूँ।।

हमने भी मौका देख के चौक लगा ही डाला

किस ज़माने के हैं सर जी,

 अब खरबों तिजोरियों में नहीं स्विस बैंक में रहा करते हैं।

तभी बगल में बैठे सहयात्री को भी बातचीत  में इंटरेस्ट आया 

 और उन महाशय  ने भी सर जी से कुछ इस तरह फ़रमाया

 तो अब आप भी राजनैतिक परिवार बनाने  वाले हैं

तो फिर साम्प्रदायिकता के बारे में क्या कहने वाले हैं  

फिर क्या था , सर जी में भी राजनैतिक कीड़ा घुस आया 

और उन्होंने  तपाक  से एक शेर फ़रमाया,

तुम मुसलमान हम हिन्दू , तो फिर लड़ने के क्या बिंदु”

हम भी थोड़ा  मुस्कराए और बोले सर जी ,

तुम मुसलमान हम हिन्दू , बस यही तो हैं लड़ने के बिंदु “

और राजनेता ही तो करते हैं , तुम मुसलमान हो … और तुम हिन्दू ,

और हम बनते रहें  अरबपति 

इसलिए लड़ते रहो,

जब तक आसमान में है इंदु।

तभी बॉस जी बोले हमारा स्टेशन आने वाला है।

हमने भी कहा चलिए बाय फिर मिलेंगे  

आपको आल द  बेस्ट ” आपका वक्त बदलने वाला है।


kirti dixit profileकीर्ति दीक्षित। उत्तरप्रदेश के हमीरपुर जिले के राठ की निवासी। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट रहीं। पांच साल तक इलेक्ट्रॉनिक मीडिया संस्थानों में नौकरी की। वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता। जीवन को कामयाब बनाने से ज़्यादा उसकी सार्थकता की संभावनाएं तलाशने में यकीन रखती हैं कीर्ति।