ललित सिंह जब- जब समाज में हिंसा, दर्प और
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रचना प्रक्रिया का ‘अधूरा साक्षात्कार’
पशुपति शर्मा 23 जुलाई को ग्रेटर नोएडा में बंसी दा से एक और मुलाकात। कमरे में बिस्तर पर लेटी माताजी
बनारस में कथानक को इम्प्रेशन में बदलता ‘मैकबेथ’
संगम पांडेय व्योमेश शुक्ल की नई प्रस्तुति ‘बरनम वन’ का कलेवर मैकबेथ की तमाम होती रही प्रस्तुतियों में काफी मौलिक
‘एक दिन के मेहमान’ के मेजबानों का शुक्रिया
पशुपति शर्मा अभिनेता, नाटकों के बाद हमेशा आत्ममुग्ध हो जाया करते हैं। कभी-कभी मैं भी इसका शिकार हो जाता
ग़ाज़ियाबाद में आज ‘एक दिन के मेहमान’ का मंचन
गाजियाबाद के इंद्रप्रस्थ इंजीनियरिंग कॉलेज में आज दिनांक 17 जून दिन रविवार की शाम 7 बजे एक दिन का
18 साल की उम्र में ‘बजाया राजा का बाजा’
अनिल तिवारी वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल तिवारी की ये सीरीज फेसबुक पर आ रही है और उसे देर-सवेर हम भी बदलाव
य़थार्थवाद के ठप्पे को ध्वस्त करता रवि तनेजा का कोणार्क
संगम पांडेय रवि तनेजा की प्रस्तुति कोणार्क अकेला ऐसा नाटक है जिसे मैंने देखने के पहले ही पढ़ रखा था।
रंगकर्म की दुनिया, निजी ज़िंदगी और स्त्री पात्र
अनिल तिवारी वरिष्ठ रंगकर्मी अनिल तिवारी अपने रंगकर्म के 50 बरस के अनुभवों को फेसबुक पर साझा कर रहे हैं।
लड़की खोजो अभियान में दर-दर भटका रंगकर्मी
अनिल तिवारी छोटे शहरों में नाटकों के लिये महिला कलाकारों की हरदम कमी रही है। इस भीषण कमी का सामना
राजा शिव छत्रपति सिर्फ महानाट्य नहीं है!
सच्चिदानंद जोशी जो लोग राजा शिव छत्रपति को सिर्फ एक महानाट्य मान कर देखने जा रहे हैं, वो एक भारी