पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभार मेरे प्रिय लेखक और सबसे प्रिय मेंटर। आज मुहब्बत की वह डोर टूट गयी,
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मन्नू भायजी आप हंसते हुए हमें उदासी में छोड़ गए
पुष्यमित्र आप चले गये, बहुत दुख हुआ। मगर उससे भी अधिक दुख इस बात का हुआ कि आप बिना कुछ
एक भाव का प्रेम होता है और एक अभाव का
पुष्य मित्रअभाव का प्रेम भूखा होता है और स्वार्थी भी। वह सिर्फ प्रेम चाहता है, किसी भी कीमत पर। वह
पुष्य मित्र की जुबानी ‘एक जन्मजात विद्रोही की कहानी’
फणिश्वरनाथ रेणु की जीवनी पर आधारित पुष्यमित्र की नई किताब- एक अप्रतिम कथाकार, एक जन्मजात विद्रोही, रेणु का संक्षिप्त जीवन
रुकतापुर- विकास की आंकाक्षा का ‘चलतापुर’
नीलू अग्रवाल रुकतापुर एक रिपोर्टर की ऐसी डायरी है जो कोशी- सीमांचल में घूमते हुए देखे -अनदेखे, सुने – अनसुने,वहां
चमकी बुखार से मासूमों की मौत की ‘जिम्मेदार सरकार’ का पोस्टमार्टम है ‘रुकतापुर’
ब्रह्मानंद ठाकुर पुष्यमित्र जी की इस किताब रुकतापुर में एक रिपोर्ताज का शीर्षक है – ‘ दूध न बताशा, बौवा
बिहार में विकास के दावे का आईना है ‘रुकतापुर ‘
ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार में विधानसभा चुनाव की सरगर्मी परवान चढी हुई है। इसी चुनावी सरगर्मी के माहौल में राजकमल प्रकाशन
बिहार चुनाव- जमीनी मुद्दों की रिपोर्टिंग के लिए फेलोशिप
इस बिहार चुनाव में जमीनी मुद्दों की रिपोर्टिंग करने वाले स्वतंत्र पत्रकारों का समर्थन करने के लिए सेंटर फ़ॉर रिसर्च
मुजफ्फरपुर में 13 नवंबर को चमकी पर रिपोर्ट
बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरनगर 2019 में चमकी बुखार की मौतों ने हम सब को किस कदर परेशान किया था, यह आप
कोसी में जल प्रलय के 11 बरस और डरे-सहमे लोग
पुष्यमित्र इन दिनों 2008 की कोसी बाढ़ के इलाके में घूम रहा हूं। यह इलाका नेपाल से सटा है और