पुष्यमित्र इन दिनों 2008 की कोसी बाढ़ के इलाके में घूम रहा हूं। यह इलाका नेपाल से सटा है और
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बाढ़ की आपदा को हम ही दे रहे हैं बार-बार न्योता
रूचा जोशी मानव सभ्यता के उदभव काल से ही मनुष्यों का नदियों से घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है। प्रारंभिक काल में
महानंदा के ठांव, दो चदरा की नाव
भूषण चौंकिए मत। यह जो चित्र आपके सामने है यह एक नाव का है। एक बड़ी नाव जितना काम कर
‘देशभक्ति’ की बहस के बीच कौन सुनेगा फरकिया की गुहार?
पुष्यमित्र जरा इस तसवीर को देखिये, आधा दर्जन से अधिक लोगों की बाहों में स्लाइन की बोतलें लगी हुई हैं।
बिहार में बाढ़ की ‘बांधलीला’
पुष्य मित्र बिहार में हर साल बाढ़ कहर बनकर टूटती है । लाखों लोग बेघर होते हैं और हजारों करोड़
कोसी- रेत की तरह मुट्ठी से फिसल जाता है मुआवजा
रूपेश कुमार 18 अगस्त ! इस दिन को याद करते ही कोसीवासियों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। आठ साल पहले
गेहूं ने निराश किया, मक्का से उम्मीदें
रुपेश कुमार चौकाने वाले आंकड़े हैं कि जिले में प्रत्येक वर्ष गेहूं की उत्पादकता कम होती जा रही है। राष्ट्रीय
कोसी तो मोदी के ‘मौन’ पर सवाल करती है!
प्रधानमंत्री के हालिया बिहार दौरे को 10 दिन से ज़्यादा वक़्त गुजर गया है। इस दौरान मोदीजी के भारी भरकम