नहीं रहे साहित्यकार कृष्ण मोहन प्रसाद मोहन

नहीं रहे साहित्यकार कृष्ण मोहन प्रसाद मोहन

बदलाव प्रतिनिधि, मुजफ्फरपुर
शहर के वरिष्ठ कवि और साहित्यकार कृष्ण मोहन प्रसाद का रविवार को लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 85 बर्ष के थे।उनके निधन की खबर से शहर के साहित्य जगत में शोक की लहर पैदा हो गई। उनके निधन पर नया टोला स्थित थियोसोफिकल लाज सभागार में वरिष्ठ साहित्यकार चितरंजन सिन्हा कनक की अध्यक्षता में एक शोकसभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर उपस्थित सभी साहित्यकारों ने दिवंगत आत्मा को शांति एवं मोक्ष प्रदान करने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की तथा दिवंगत आत्मा के प्रति भावपूर्ण श्रद्धांजलि व्यक्त की। साथ ही उनके स्नेही जनो को इस कठिन घडी में साहस और संयम प्राप्त हेतु ईश्वर से प्रार्थना की गई। स्वर्गीयकृष्ण मोहन प्रसाद मोहन का जन्म ग्राम मेघवन थाना बेनीपट्टी जिला मधुबनी में हुआ था। सहायक मंडल प्रबंधक पद से सेवानिवृत्त होने के पश्चात वे पत्र पत्रिकाओं में लिखने में काफी रुचि रखते थे। आकाशवाणी लखनऊ से सुगम संगीत कार्यक्रम में सदैव भाग लेते थे। गुवाहाटी पटना मुजफ्फरपुर एवं दरभंगा दूरदर्शन एवं आकाशवाणी से गीत कविताएं एवं अन्य कार्यक्रमों में भी भाग लेते थे। उनकी रचनाओं में सागर का मन सूरज का सपना, मन को गंगा हो जाने दो इत्यादि है। स्वर्गीय मोहन अंकुर साहित्य सम्मान, कला संस्कृति मंच बिहार एवं रमन शिखर सम्मान तथा अनेको साहित्यिक संस्था द्वारा सम्मानित किए गये थे।
चितरंजन सिन्हा कनक ने स्वर्गीय मोहन के निधन पर श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि मुजफ्फरपुर साहित्य जगत उनके निधन पर मर्माहत है । उनके निधन से साहित्य जगत को व्यापक क्षति हुई है। डॉक्टर शारदा चरण ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि व्यथित चित् और व्याकुल प्रधान इस अत्यंत दुखदाई समाचार से स्तब्ध है। उदय नारायण सिंह ,प्रधानमंत्री, जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन ने कहा कि कोमल गीत और कविता के गायक आज हमसे उठकर अनंत में मिल गए। डॉ हरि किशोर प्रसाद सिंह, संगठन मंत्री जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से मैं बहुत मर्माहत हूं तथा निधन से साहित्यिक जगत को भारी क्षति हुई है। रमेश प्रसाद श्रीवास्तव मीडिया प्रभारी ने कहा कि यह संसार प्रकृति के नियंत्रण अधीन है। इस दुख की घड़ी ईश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को परम शांति प्रदान करने के साथ स्वजनों को इस दुख की घड़ी में सहनशीलता प्रदान करें। देवेंद्र प्रसाद बेला ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि प्रिय मोहन प्रेम के साथ साथ स्निग्ध भावना के कवि थे । वे बहुत याद आएंगे। प्रेम कुमार वर्मा ने श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुखदाई खबर से बहुत ही हार्दिक चोट पहुंची है। परमात्मा उनकी आत्मा को शांति एवं आत्मीय जनो को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

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