20 हज़ार के लिए 10 साल के मासूम का क़त्ल

20 हज़ार के लिए 10 साल के मासूम का क़त्ल

सूर्यमणि 

राजधानी दिल्ली और उसके आसपास हत्या और रेप की दिल दहलादेने वाली ख़बरें आम बात है, लेकिन जब ऐसी ख़बरें गांवों से भी आने लगे तो हमें समाज में बदलते माहौल के बारे में सोचने को मजबूर कर देती हैं । समाज में आक्रमकात बढ़ रही है और धैर्य कम होता जा रहा है । लोगों की सहनशीलता खत्म होती जा रही है। शायद यही वजह है कि बिहार के मुजफ्फरपुर में महज 20 हजार रुपये के लिए 10 साल के मासूम की जान ले ली गई। हम बात कर रहे हैं बिहार के मुजफ्फरपुर के पियर गांव में 10 साल के प्रिंस की हत्या की। हंसता-मुस्कुराता प्रिंस हर रोज की तरह 22 नवंबर को घर से स्कूल के लिए निकला, लेकिन फिर वो कभी घर नहीं लौट सका । लौटी तो बस उसकी लाश वो भी एक हफ्ते बाद । जिस हालत में प्रिंस का शव मिला उसे देखकर किसी भी बाप का कलेजा छलनी हो जाएगा ।

पियर गांव के पास बूढीगंडक नदी के तेपरी मलंग स्थान घाट के पास प्रिंस का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला । हालांकि आरोपियों की गिरफ्तारी पहले हो गई और शव पुलिस बाद में बरामद कर सकी । क्योंकि 10 साल के प्रिंस की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उसकी के पड़ोस में रहने वाले और उसके पिता के साथ कारोबार करने वाले मुकेश नाम के शख्स ने की और इसमें मुकेश की मदद आस-पास के लोगों ने ही की । प्रिंस का शव भले ही एक हफ्ते बाद मिला लेकिन उसकी हत्या अपहरण वाली रात यानी 22 नवंबर को ही कर दी गई थी । इस पूरे हत्याकांड में आरोपी मुकेश का साथ दिया पास में रहने वाले राजा नाम के एक लड़के ने जो प्रिंस के ही स्कूल में पढ़ता है । राजा का ननिहाल प्रिंस के घर के बगल में है और दोनों  रामपुरदयाल कन्या विद्यालय में पढ़ते थे । प्रिंस अपने मां-बाप का इकलौता पुत्र था। उसकी एक छोटी बहन भी है। हत्यारा मुकेश और प्रिंस राज के घर के बीच की दूरी 100 फीट भी नहीं है ।

प्रिंस सामान्य दिनों की तरह घटना के दिन घर से कुछ दूरी पर स्थित एक निजी कोचिंग में पढने गया था। कोचिंग से छूटने के बाद राजा उसे क्रिकेट खेलने के बहाने घर से आधा किमी उत्तर एक आम के बगीचे में ले गया। वहीं उसने प्रिंस को मुकेश के हवाले कर दिया। मुकेश दिन भर प्रिंस को पड़ोस के एक आटो चालक मोहमम्द हैदर के आटो से घुमाता रहा।  रात में प्रिंस को लेकर मुकेश अपने घर पहुंचा । प्रिंस के माता- पिता बेटे के घर न लौटने से परेशान थे । उन्हें पता नही चला कि उनके लाल को टोले में ही  उसी के एक पडोसी मुकेश ने अपने घर मे छिपा रखा है। देर रात जब प्रिंस अपने मा-बाप के पास जाने के लिए रोने लगा तो मुकेश ने बड़ी बेरहमी से उसकी गला दबा कर हत्या कर दी और लाश को बोरे में रख कर  मोटलसाइकिल पर लाद राजा की मदद से बूढीगंडक में डाल दिया। इसके बाद वह अपने एक रिश्तेदार के पास दुर्गापुर ( बंगाल) भाग गया। प्रिंस की बरामदगी नहीं होने से हताश उसके पिता अमरनाथ ने पियर थाने में बेटे के गायबहोने का केस दर्ज कराया । पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आटो चालक हैदर को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया। उसकी निशानदेही पर शातिर राजा भी गिरफ्तार हुआ। इन दोनों की गिरफ्तारी के बाद भी अपहरण की गुत्थी सुलझ नहीं सकी।

इस बीच पुलिस को मुकेश के दुर्गापुर में होने की सूचना मिली। पियर थाने के एएसआई उपेन्द्र नारायण शाही के नेतृत्व में पुलिस बल दुर्गापुर गया। वहां बंगाल पुलिस की सहायता से मुकेश के ठिकाने पर छापेमारी की जहां उसे जानकारी मिली कि मुकेश अभी-अभी ट्रेन पकडने दुर्गापुर स्टेशन गया है। पुलिस ने स्टेशन से मुकेश को गिरफ्तार कर लिया। उसके साथ उसका छोटा बेटा भी था।दोनों को सकरा थाने लाया गया।  मुकेश के बेटे को जो काफी छोटा है, पुलिस ने उसके घरवालों के हवाले कर दिया। आरक्षी उपाधीक्षक मुजफ्फरपुर पूर्वी गौरव पाण्डेय ने मुकेश से सख्ती से जब पूछताछ शुरू की तो वह टूट गया और सब कुछ सही-सही उगल दिया। जिसकी निशानदेही पर प्रिंस का शव बरामद हुआ ।

मुकेश ने प्रिंस की हत्या का कारण बताते हुए पुलिस को कहा है कि वह और प्रिंस के पिता अमरनाथ हल्दी खरीद-बिक्री का साझा रोजगार करते थे । अमरनाथ के जिम्मे उसका 20 हजार रूपये बकाया था।  बार-बार मांगने पर भी जब उसने रूपये नहीं दिए तो उसने प्रिंस का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी।


सूर्यमणि / बिहार के मुजफ्फरपुर के निवासी। एक दशक से लेखन कार्य में सक्रिय । दैनिक आज, प्रभात ख़बर समेत कई अखबारों से जुड़े रहे हैं । सामाजिक, सांस्कृतिक कार्यों में रुचि ।