सत्येंद्र कुमार यादव
नमस्कार, मैं अपना डी जे साउन्ड का काम शुरु करना चाहता हूँ । इसमें कुल खर्च लगभग 5 लाख रुपये है । इसके लिये मुझे लोन की आवश्यकता है । कृपया लोन पास कराने ब्याज दर, अदायगी सम्बन्धित जानकारी दें- अमित कुमार पटेल
सर मुझे लोन चाहिए, कपड़े जूतों की दुकान खोलना है, मैं गांव में रहता हूं वहीं दुकान खोलना चाहता हूं- शिवराज
इस तरह के मैसेज, फोन कॉल्स मेरे पास रोजाना आते हैं । नौजवान प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत लोन लेकर कारोबार शुरू करना चाहते हैं लेकिन बैंक वाले उनकी सुन नहीं रहे हैं । पिछले 6 महीनों में मेरे पास दर्जनों लोगों के फोन आ चुके हैं और सबकी समस्या एक ही है । मुद्रा योजना से पैसे कैसे मिलेंगे ? बैंक वाले सुन नहीं रहे हैं। आखिर लोग मेरे पास फोन क्यों कर रहे हैं ? दरअसल, 06 मई 2016 को badalav.com पर मेरा एक लेख ‘रोजगार के लिए ऐसे मिलेगी मुद्रा’ नाम से पब्लिश हुआ था । जिसमें प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के बारे में जानकारी दी गई थी । उस दिन पीएम मोदी ने मुद्रा बैंक योजना की शुरुआत करते हुए कहा था कि अब ठेले खोमचे वालों को भी कर्ज मिलेगा । उस लेख के नीचे मेरा परिचय और मोबाइल नंबर था । वहीं से मोबाइल नंबर लेकर इच्छुक लोग मुझे फोन करते रहते हैं ।
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के रहने वाले सुशील कुमार गुप्ता ने बकायदा स्टिमेट बनाकर मुझे भेज दिया । सुशील की एक कपड़े की दुकान है । फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि वो अपने दुकान का विस्तार करना चाहते हैं । त्योहार आने वाले हैं ऐसे में साड़ियां और कपड़ों की खरीददारी करनी है जिसमें कम से कम 10 लाख रुपए खर्च होंगे । उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो अपनी दुकान को विस्तार दे सकें । ऐसे में वो प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 10 लाख रुपए लोन लेना चाहते हैं । कई बार बैंकों के चक्कर काटने के बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया लेकिन मैं सिर्फ सलाह देने के अलावा कुछ नहीं कर सकता । उम्मीद करता हूं कि वाराणसी में मौजूद बैंक अधिकारी या बीजेपी या सरकार से जुड़े लोग सुशील कुमार की मदद करेंगे ।
उन्नाव से भी एक मैसेज आया । उन्नाव निवासी ओम जी अवस्थी ने पहले तो मुझे फोन किया और मुद्रा योजना की जानकारी ली । फिर अपनी परेशानी मैसेज में लिख दिया-
मैं अपने गांव में चाट बतासे का ठेला लगाता हूं । हमारे दो छोटे बच्चे हैं और हम आगे बढ़ना चाहते हैं। इसके लिए हमें लोन की आवश्यकता है । क्योंकि आगे बढ़ने के लिए या तो पैसा या तो जमीन चाहिए, ये दोनों चीजें हमारे पास है नहीं। हम कॉस्मेटिक की दुकान और होटल खोलना चाहते हैं । कृपया हमें मुद्रा योजना से पांच लाख रुपये दिलवाने की कृपा करें । दुकान से जो भी आय होगी उसका 75% बैंक में जमा कर दिया करूंगा । कृपया मेरी मदद करें- ओम जी अवस्थी, गांव- बेहटा, पोस्ट- देवाराकलॉ, जिला- उन्नाव, उत्तर प्रदेश
इन लोगों ने बैंक अकाउंट नंबर समेत अपनी बात इस उम्मीद में साझा की, शायद कुछ मदद हो जाए । लगातार आ रहे फोन कॉल्स से एक बात तो साफ हो जाती है कि सरकार की योजना जमीन पर उतर नहीं रही है । इसमें या तो लोगों को जानकारी नहीं है या बैंक वाले उनकी मदद नहीं कर रहे हैं । ऐसे में सरकार को चाहिए कि ऐसी व्यवस्था बनाए जिसके माध्यम से लोग बैंकों तक पहुंचे और अपने कारोबार के लिए जरूरत के हिसाब से लोन ले सकें । सरकार जिस वंचित वर्ग के लिए ये योजना चला रही है वो पीछे ना रहे जाएं इसका ध्यान रखना होगा । कई लोगों ने बताया कि बैंक वाले उनसे ठीक से बात नहीं करते और ना ही जानकारी देते हैं । इंटरनेट से मिली जानकारी भी पर्याप्त नहीं है । अब सवाल ये है कि सरकार इस समस्या से कैसे निपटेगी ? उन लोगों की मदद कैसे करेगी जो अपने कारोबार को बढ़ाना चाहते हैं । लग्न शुरू होने वाला है । होली भी आ रही है । ऐसे कई कार्य हैं जो 14 जनवरी के बाद शुरू हो जाएंगे । ऐसे में अगर छोटे कारोबारियों को सरकार की ओर से मदद नहीं मिलेगी तो प्रधानमंत्री मुद्रा योजना जैसी तमाम योजनाओं को चलाने का उद्देश्य पूरा कैसेसहो पाएगा ?
सत्येंद्र कुमार यादव, एक दशक से पत्रकारिता में सक्रिय । माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र । सोशल मीडिया पर सक्रिय । मोबाइल नंबर- 9560206805 पर संपर्क किया जा सकता है।
सब जगह यही हाल है ।प्रधान मंत्री जी की इस घोषणा से बेरोजगार युवाओं मे अपने खुद के रोजगार को लेकर जै उत्साह जगा था ,जब वक्त आया तो पता चला की वह तो मात्र एक छलावा था ।इसी सिलसिले मे मेरा एक परिचित बीए पास अल्पसंख्यक युवक अपना रेडिमेड कपडे की दुकान खोलने की बावत प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से कर्ज लेने मे हो रही परेशानी का जिक्र छ:महीने पहले किया था ।चूंकि बैंक की शाखा मेरे गांव मे है और शाखा प्रबंधक युवा होने के बाबजूद मेरी कद्र करते हैं इसकी जानकारी उसे थी ।उसने मुझसे मदद मांगी ।मैने शाखा प्रबंधक से कहा भी ।उन्होने कहा कि एक सप्ताह बाद उसे भेज दीजिए गा ,काम हो जाएगा ।तब से वह दौडता रहा ।कर्ज नही मिला ।मैने भी दुबारे उस शाखा प्रबंधक से उस मामले मे बात नही की ।मै अपना कथित प्रभाव (जो उस युवक की नजर मे रहा होगा )और शाखा प्रबंधक की शिष्ठता की असलियत समझ गया ।
सही किया भाई