शीतलहर में दिल्ली की आबो-हवा की फिक्र

शीतलहर में दिल्ली की आबो-हवा की फिक्र

टीम बदलाव

दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। ऐसे वक्त में जब लोग घरों में दुबके रहने को ही बेहतर मान रहे हैं, दिल्ली के कुछ उत्साही युवकों ने रविवार की छुट्ठी को एक पैगाम के नाम कुर्बान कर दिया। दिल्ली की आबो-हवा कैसे दुरुस्त रहे, यही उनकी चिंता का मुद्दा है। बद से बदतर होती हवा को लेकर आम लोगों को सचेत और जागरुक करने के लिए गांधी शांति प्रतिष्ठान से राजघाट तक साइकिल यात्रा की गई। साइकिल यात्रा की ये मुहिम वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन चारु शर्मा के नेतृत्व में की गई। ‘पेडेल टू प्रीवेल ओवर पोल्यूशन’ नारे के साथ नई दिल्ली की सांसद मीनाक्षी लेखी ने साइकिल यात्रा को  हरी झंडी दिखाई।

गांधी शांति प्रतिष्ठान से राजघाट तक युवाओं की ये रैली लोगों को अपने साथ जोड़ती चली गई। इस मौके पर सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि वायु प्रदूषण में मुख्य रूप से खतरनाक पर्टिकुलेट मैटर 2.5 और 10 का तय मानकों से अधिक हो जाते हैं, तो लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण को कम करने के लिए न सिर्फ लोगों को अपने जीवनशैली में बदलाव लाने की जरूरत है बल्कि वाहनों का कम से कम उपयोग करने के विकल्पों को आजमाना होगा। उन्होंने कहा कि साइकिल ट्रैक बनवाने को लेकर कोशिश की जा रही है। वहीं लेखी ने सियासी अंदाज में प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार की खिंचाई भी कर डाली। लेखी ने कहा कि दिल्ली में पसरी गंदगी और मलबे की सफाई को लेकर खींचतान अच्छी बात नहीं है।

वहीं वरिष्ठ प्लास्टिक सर्जन डॉ चारु शर्मा ने कहा कि दिल्ली का प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। खास तौर से पर्टिकुलेट मैटर (हवा में मौजूद बारीक धूल कण) न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि लोगों की सेहत पर भी बुरा असर डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण लोगों को श्वास संबंधी बीमारियों के साथ त्वचा संबंधी बीमारियां भी हो रही हैं। इस साइकिल यात्रा के पैगाम को लोगों को समझना होगा कि अपनी छोटी-छोटी यात्राओं के लिए लोग वाहनों का इस्तेमाल न करें। वाहनों की संख्या और उनका इस्तेमाल जिस तेजी से राष्ट्रीय राजधानी में बढ़ रहा है वह चिंताजनक है। ऐसे में हमें पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए साइकिल या अन्य पर्यावरण अनुकूल साधनों का इस्तेमाल करने के बारे में संजीदगी से सोचना चाहिए। साइकिल न सिर्फ आबो-हवा को सुरक्षित रखेगी बल्कि चालक को चुस्त और तंदरुस्त भी बनाएगी।

इस मौके पर कई महिला डॉक्टर्स के साथ साइकिल यात्रा में भागीदारी करने वाली युवा ब्रिगेड ने साइकिलों पर गॉर्जियस दिल्ली और फाइट अगेंस्ट पॉल्यूशन जैसे स्लोगन के साथ जागरुकता फैलाई। दिल्ली के कई डॉक्टर्स भी जागरुकता अभियान का हिस्सा बनें।