रेणु ओहरी
जीवन इक राह है, चलने का नाम है
सपनों के पंख लिए,ऊंची उड़ान है
जब तक ये सांस है, जिस्म में जान है
क्षितिज को छूने की, जिज्ञासु मन की चाह है
ओ मतवाले राही, बस इतना याद रखना
राहें आसां नहीं हैं,मंज़िल भी पास नहीं है
जीवन डगर पर चलते, कांटे चुभेंगे तुझे
तपती हुई धूप में, कभी चलना पड़ेगा तुझे
बादल घनेरे होंगे, वक्त के थपेड़े होंगे
रास्ते के पत्थरों को, सहना पड़ेगा तुझे
चट्टान का सा हौसला, रखना पड़ेगा तुझे
कोशिश करते रहना ही, बस तेरा काम है
जीवन इक राह है, चलने का नाम है
दिल में गर उमंग होगी, आशाएं जब संग होंगी
मेहनत की पूंजी लिए, हौसले बुलंद होंगे
समय की धारा खुद ब खुद तुझे, आगे ले जाएगी
मेहनत रंग लाएगी, मंज़िल मिल जाएगी
पर ओ मतवाले राही, इतना और याद रखना
आकाश को छूने की चाहत में, ये न तू भूल जाना
धरती से बंधी, कहीं डोर ना छूट जाए
क्षितिज को छूने का, सपना न टूट जाए
उतने ही पंख फैलाना, जितनी उड़ान है
जीवन इक राह है, चलने का नाम है
Awesome mam
Thanks a lot
Nice
Heart touching
beautiful poem maam.
Shalini kukreja
Awesome mummy.
Good work.
अति सुंदर
Very nice. Awesome
Thanks
Thanks
Simply beautiful! It makes me pause and think!
Beautiful words
सुन्दर कविता। जीवन के सार की झलक। ?
Thanks to all
Truth of life said in words
Very nice mam
Beautiful poem truly motivating nice word collection