‘कानून’ आया आपके द्वार: ‘समझबूझ’ कर लड़ो लड़ाई

‘कानून’ आया आपके द्वार: ‘समझबूझ’ कर लड़ो लड़ाई

प्रियंका यादव

राजधानी दिल्ली में एसडीएम ऑफिस में अपनी तरह का पहला फ्री लीगल क्लिनिक सेवा की शुरुआत की गई है । मध्य दिल्ली के करोलबाग एसडीएम ऑफिस में शुरू की गई इस सेवा का मकसद समाज के उपेक्षित किंत अपेक्षित तबके को मुफ्त कानूनी सलाह देना है । ऐसे लोग जो पैसे के अभाव में उपयुक्त कानूनी सलाह नहीं ले पाते उन लोगों के लिए ये कानूनी क्लिनिक काफी कारगर साबित हो सकता है । वैसे तो डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी जिले में जगह-जगह मुफ्त कानूनी सलाह के लिए सेंटर पहले से ही चलाता रहा है, लेकिन किसी एसडीएम ऑफिस में फ्री लीगल क्लिनिक खोलने के पीछे करोलबाग के एसडीएम प्रशांत कुमार की सोच छिपी है । फ्री लीगल क्लिनिक की उपयोगिता को लेकर एसडीएम प्रशांत कुमार से टीम बदलाव ने बात की ।

बदलाव- एसडीएम ऑफिस में लीगल क्लिनिक खोलने का मकसद क्या है ?

प्रशांत कुमार-  हमारा मकसद है ‘कानून आपके द्वार’ यानी आपको कानूनी सलाह के लिए भटकना न हो और आसानी से आपको कानूनी सहायता मिल जाए । मेरे ऑफिस में ऐसे लोगों की संख्या बहुत ज्यादा है जो उचित कानूनी जानकारी के अभाव में इधर-उधर भटकने को मजबूर होते हैं । जिनका काम एमसीडी या फिर किसी और दफ्तर से होना होता है लेकिन जानकारी न होने से वो एसडीएम दफ्तर चले आते हैं । ऐसे तमाम लोगों के लिए ये लीगल क्लिनिक काफी मददगार साबित होगा ।

लोगों की समस्याएं सुनते एसडीएम प्रशांत कुमार

बदलाव- क्या इस लीगल क्लिनिक में सिर्फ गरीब और वंचित तबके को फ्री ही फ्री एडवाइज दी जाएगी ?

प्रशांत कुमार- देखिए जिनके पास पैसा है वो तो कहीं से भी कानूनी सलाह ले सकते हैं, लेकिन जो गरीब और वंचित हैं उनको सबसे ज्यादा जरूरत पड़ती है, लिहाजा ऐसे लोगों को पहली प्राथमिकता मिलनी ही चाहिए, लेकिन ऐसे भी तमाम लोग हैं जो गरीब नहीं है लेकिन उनके पास भी उचित जानकारी नहीं है तो ऐसे लोग भी अगर एसडीएम दफ्तर में खुले फ्री लीगल क्लिनिक आते हैं तो उनको भी उचित कानूनी सलाह मिलेगी ।

बदलाव- एसडीएम ऑफिस में लीगल क्लिनिक खोलने का आइडिया कैसे आया  और ये मुमकिन कैसे हुआ ?

प्रशांत कुमार- मेरे ऑफिस में आए दिन कानूनी जानकारी के अभाव में भटकने वालों की मुश्किलों को देखते मैंने इस तरह की सुविधा खोलने के बारे में सोचा, लेकिन हमारा दायरा सीमित होता है, लिहाजा मैंने डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस अथॉरिटी से संपर्क किया और उनके सामने अपने ऑफिस में लीगल क्लिनिक खोलने का प्रस्ताव रखा जिसे उन लोगों ने स्वीकार कर लिया और देखिए आम जनता के लिए आज फ्री लीगल क्लिनिक खुल भी गया ।

बदलाव- ये लीगल क्लिनिक कब से कब खुलेगा और लोगों को सलाह कौन देगा ?

प्रशांत कुमार- ये फ्री लीगल क्लिनिक हर सोमवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक खुला रहेगा । लीगल क्लिनिक में एक कानूनी एडवाइजर यानी वकील मौजूद रहेगा जो लोगों को मुफ्त में जरूरी कानूनी सलाह देगा । सोमवार के दिन करोलबाग में व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहते हैं लिहाजा लोगों की सहूलियत को देखते हुए इस दिन को चुना गया है । करोलबाग का रहने वाला कोई भी जरूरतमंद इस सेवा का लाभ उठा सकता है ।

मंगलवार को हुआ फ्री लीगल क्लिनिक का उद्घाटन

बदलाव- इस सेवा की शुरुआत कब से हुई ?

प्रशांत कुमार- इसी हफ्ते मंगलवार को हमारे ऑफिस में ये फ्री लीगल क्लिनिक शुरु हुआ है । जिला एवं सत्र न्यायाधीश और केंद्रीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष तलवंत सिंह और मध्य दिल्ली की जिलाधिकारी निधि श्रीवास्तव ने खुद इसका उद्घाटन किया और उम्मीद जताई कि इसका लाभ ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंदों को मिल पाएगा ।

विधिक सेवा प्राधिकरण किसको देता है मुफ्त सलाह?

अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, बच्चे, औद्योगिक कामगार, मानसिक रूप से बीमार, मानव तस्करी या भी भिक्षा वृति से पीड़ित, दिव्यांग, हिंसा पीड़ित, प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित, दो लाख रुपये आय वाले ट्रांसजेंडर, कम आय वर्ग और जरूरतमंदों को दी जाती है ।


प्रियंका यादव,  तन दिल्ली में भले हो लेकिन मन तो गांव ही बसता है । जब कभी घूमने का मौका मिलता है तो गांव पहली पसंद होती है।