ब्रह्मानंद ठाकुर देश के किसान एक महीने से दिल्ली दरबार की दहलीज पर आंदोलन कर रहे हैं। सर्द मौसम में
Category: सुन हो सरकार
42 सालों से विकास की राह देखता बिहार का एक गांव
हुसैन ताबिश की रिपोर्ट इंतजार किसे कहते हैं और इसका दर्द क्या होता है, अगर ये महसूस करते हो तो
स्वास्थ्य और शिक्षा मुद्दा क्यों नहीं चुनाव में ?
ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार की आबादी करीब 12 करोड है। यहां डाक्टरों के 11 हजार 373 पद सृजित हैं लेकिन लगभग
नरपतगंज चुकेगा या चुन लेगा अखिलेश को अपना प्रधान सेवक ?
अरुण यादव बिहार में चुनावी बिगुल बज चुका है । सियासी पिच पर जोड़तोड़ शुरू हो चुकी है । महागठबंधन
सीमांचल के मक्का किसानों का दर्द समझिए
अखिलेश कुमार के फेसबुक वॉल से साभार इस वक्त कोसी सीमांचल क्षेत्र में आप कहीं भी जाएंगे तो सड़कों पर
कोरोना नहीं हमारा सिस्टम है पत्रकार चंद्रशेखर की मौत का जिम्मेदार !
एक गरीब परिवार का लड़का कुछ सपने लेकर गांव से शहर की गलियों में आया था । पत्रकार बनकर समाज
चंद्रशेखर और हुमा की मौत अब हमारे लिए कोरोना का सिर्फ नंबर नहीं
प्रभाकर मिश्रा के फेसबुक वॉल से साभार आज मन बहुत उदास है। बहुत डर लग रहा है। पहले खबर आ
अन्नदाता से न्यूनतम समर्थन मूल्य का अधिकतम सरकारी छलावा
पुष्यमित्र बारिश से गीली हुई सुबह में जब टहलने निकला तो एक मैदान में मक्के यह ढेर पड़ा मिला। साफ
पूर्णिया के डीएम, एसपी, अधिकारियों, सांसद, विधायक के नाम एक पाती
कोरोना का संकट काल और इस बीच अहंकार की लड़ाई। सुनकर आपको अचरज जरूर होगा लेकिन बिहार के पूर्णिया जिले
तुम ही रहोगे !
नीलू अखिलेश कुमार तुम थे, तुम हो ,तुम ही रहोगे । अच्छा किया तुमनेजो बीमारी की तरहपटे आ रहे अपने