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अखिलेश कुमार के फेसबुक वॉल से साभार
इस वक्त कोसी सीमांचल क्षेत्र में आप कहीं भी जाएंगे तो सड़कों पर ( चाहे वह एन एच हो, एस एच हो या ग्रामीण सड़क ) सब तरफ सड़ते हुए और अंकुरित हो रहा मक्का आपको दिख जाएगा । हजारों किसानों से बातचीत के बाद पता चलता है कि उनकी स्थिति बहुत पीड़ादायक है । समय से पूर्व आई बारिश की वजह से वे अपनी फसल को तैयार नहीं कर पाए और उनकी कई महीनों की मेहनत पर पानी फिर गया है । एक तरफ उनकी फसल सड़ रही है तो दूसरी तरफ जो कुछ भी तैयार फसल थी उनके पास उसका कोई खरीददार नहीं है। यदि कोई खरीददार आता भी है तो भाव बहुत कम लगता है । किसानों का यह भी कहना है कि “ब्याज पर कर्ज लेकर फसल लगाए थे, अब पता नहीं कैसे कर्ज चुकाएंगे ।” इन किसानों की पीड़ा का अंदाजा हम कमरे में बैठकर कभी लगा ही नहीं सकते । मुझे लगता है अभी जबकि इलाके के लाखों किसान प्रभावित हुए हैं ऐसे में सरकार को कुछ ठोस निर्णय लेने चाहिए ताकि इन पीड़ित किसानों को कुछ मदद पहुंच सके । इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार से मेरी कुछ मांगे हैं ।
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1. पीड़ित मक्का किसानों के लिए एक विशेष राहत
पैकेज घोषित हो ।
2. इस तरह की समस्या से निजात हेतु हर गांव में
कुछ सार्वजानिक शेड का निर्माण हो जहां किसान
खराब मौसम में अपने फैसलों को सुरक्षित रख सके
और उसे सड़ने से बचा सके ।
3. दीर्घकालिक योजना के तहत इस इलाके में मक्का
प्रसंस्करण आधारित कल कारखानों का निर्माण हो
जिससे किसानों को ज्यादा मूल्य भी प्राप्त होगा और
बड़ी संख्या में रोजगार का सृजन भी होगा । इससे
इलाके के किसानों तथा मजदूरों की आर्थिक स्थिति
में गुणात्मक वृद्धि भी होगी तथा मजदूरों का पलायन
रोकने में भी सफलता मिलेगी ।