वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र के फेसबुक वॉल से साभारलोकतंत्र, मंदिर और राजदंड. ये तीन शब्द कल से लेकर आजतक मीडिया में
Category: मेरा गांव, मेरा देश
जब इंदिरा भी अपनी सीट नहीं बचा पाईं तो दक्षिण भारत कांग्रेस के लिए संजीवनी बना
टीम बदलाव इमरजेंसी के बाद इंदिरा गांधी को दक्षिण भारत से संजीवनी मिली… साल 1977 के लोकसभा चुनाव में हिंदी
46 साल पहले जब विपक्ष एकजुट हुआ तो 5 बड़े राज्यों में खाता भी नहीं खोल पाया सत्ताधारी दल
टीम बदलाव 1977 का लोकसभा चुनाव आजादी के बाद कांग्रेस के लिए एक बुरे दौर की शुरुआत थी. जनता पार्टी
जब विपक्षी एकता ने आयरन लेडी को ‘धूल चटाई’ और अपने ही गढ़ में इंदिरा गांधी चुनाव हार गईं
टीम बदलाव 23 जनवरी 1977 आपातकाल के बीच देश में जनता पार्टी का गठन हुआ. जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में
2024 में विपक्ष एकजुट हुआ तो क्या 46 साल पहले वाला इतिहास दोहरा पाएगा?
टीम बदलाव अगले एक साल तक देश चुनाव के मोड में रहने वाला है…इस साल विधानसभा चुनाव और अगले साल
‘विचित्र’ किन्तु सत्य: ‘प्यार में शहीनबाग’
वरिष्ठ पत्रकार राकेश कायस्थ के फेसबुक वॉल से साभार राठौड़ बिचित्रमणि सिंह! नाम सुनकर लगता था कि बाबू देवकीनंदन खत्री
सत्यार्थी जी के घर ‘सान्निध्य-भोज’
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार फ़रीदाबाद के सूरजकुंड की ये शाम मेरे लिए बेहद ख़ास है. इस शाम
शिरीष खरे की किताब ‘नदी सिंदूरी’ का 26 फरवरी को नई-दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में विमोचन
टीम बदलाव ‘नदी सिंदूरी’, शहर और शहरी सभ्यता से दूर एक गोंड आदिवासी बहुल गाँव की कहानी है जिसकी अंदर
अगर शुद्ध भोजन है करना…ग्रेटर नोएडा वेस्ट के मां भोजनालय जरूर जाना
शहरों की प्रदूषित आबोहवा और भागदौड़ भरी जिंदगी में शुद्ध खाना मिलना एक बड़ी समस्या है. रेस्टरोरेंट में स्वादिस्ट खाना
बचपन की कुछ यादों के साथ दादा जी को विनम्र श्रद्धांजलि
अरुण यादव के फेसबुक वॉल से साभार आज दादाजी की पुण्यतिथि है। वो एक संघर्षशील प्रगतिवादी, समाजसेवी और दूरदर्शी व्यक्ति