झाँसी प्रतिनिधि, बदलाव डाकुओं की शरणस्थली और पिछड़े बीहड़ी चम्बल इलाके को अब दूसरी वजहों से भी जाना जाएगा। हाल
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प्रीति तालीम से बदलना चाहती हैं महिलाओं की तकदीर
एस के यादव JNU को लेकर पिछले तीन साल से तरह तरह की अफवाहें सुर्खियों में रही वहीं उसके पॉजेटिव
स्कूल की छुट्टी
बदलाव बाल क्लब की कार्यशाला फिलहाल गाजियाबाद के वैशाली में हर दिन शाम 7 बजे लग रही है। बच्चे हर
‘भगवान’ की फिल्म से टूटा बिलियन ड्रीम्स
राकेश कायस्थ घनघोर व्यस्तता के बीच वक्त निकालकर तेंदुलकर पर बनी फिल्म सचिन: ए बिलियन ड्रीम्स देख आया। इस फिल्म
क्या खोया क्या पाया हमने !
संजय पंकज पाकर खोया , खोकर पाया, कुछ भी नहीं गंवाया हमने । भीतर-भीतर मन जान रहा, क्या खोया क्या
रंगमंच पर साकार राजकमल चौधरी की ‘मल्लाह टोली’
संगम पांडेय नीलेश दीपक की प्रस्तुति ‘मल्लाह टोली’ एक बस्ती का वृत्तचित्र है। ‘कैमरा’ यहाँ ठहर-ठहरकर कई घरों के भीतर
तीन बंदर बापू के
रामानन्द सिंह बापू तेरे बंदर तीन उछल -कूद कर रहे देख लो हैं कितने अनुशासनहीन बापू तेरे बंदर तीन तू
कृष्ण से सम्मोहन वाला सितारा अब गगन में चमकेगा!
देवांशु झा ऐसा सितारा कभी-कभार चमकता है, जिसमें किसी हॉलीवुड हंक सी अदा हो, किसी आदर्श पौराणिक भारतीय चरित्र जैसा सुघड़
ठूंठ समय
अखिलेश्वर पांडेय यह समय एक ठूंठ समय है एक झूठ समय है एक ढीठ समय है जिसके पास सत्ता है
वैशाली, वसुंधरा में पानी की परेशानी में गोविंद को याद करें
वैशाली और वसुंधरा में एक पलम्बर गोविंद सिंह आते हैं। वो गोरखपुर के रहने वाले हैं। बेहद सीधे-सादे। उन्हें हमने