ये जो सफेद स्वीमिंग पूल है पूल समझने की तुम्हारी भूल है इसे मैंने मेरे ख़ून से रंगा है तब
Category: आईना
डंडा सें डंडा लड़े, ऊंट लड़े मुंह जोर
कीर्ति दीक्षित किसी को नीचा दिखाना हो या फिर किसी को बुरा भला कहना हो तो पढ़ा लिखा समाज उसे
‘आफ़ताब’ और ‘सूरज’ से रौशन होना हो तो, खिड़कियां खोल लें
पशुपति शर्मा पटना में चल रहे अनु आनंद राष्ट्रीय रंग महोत्सव के चौथे दिन की दोपहर गांधी के आदर्शों के
पटना के रंगमंच पर ‘मेहमान’ की ‘दस्तक’
बदलाव प्रतिनिधि निर्मल वर्मा की कहानियों को मंच पर उतारना आसान नहीं है। मगर पटना के प्रेमचंद रंगशाला में निर्देशक
पटना में राष्ट्रीय रंग महोत्सव – फाइनल कॉल की पहली घंटी
पशुपति शर्मा रंगकर्मी दोस्तो। पहली घंटी बज गई है। बस तीन दिन बाद पटना में रंग महोत्सव शुरू हो रहा
बेटे की तरह पालेंगे ‘बट’ के पौधों को
बांदा से आशीष सागर दीक्षित बुंदेलखंड की ख़तम होती जा रही हरियाली और सरकारी पौधारोपण के साल दर साल किये
कलाम को आख़िरी प्रणाम
जाति, मज़हब, उम्र और युग की दीवारों को पार करके किसी एक शख़्सियत ने पूरे देश का प्यार पाया है
लूटो तब तक, जब तक… बाबा न पुकारें
इन दिनों अमरुद के पेड़ झुक गए हैं। हमारे यहाँ इसे लताम भी कहते हैं। खूब फल आये हैं। बच्चों