देवांशु झा सिनेमा के गायन में पहला बड़ा नाम कुंदन लाल सहगल का है। उनके समकालीन और परवर्ती गायकों पर
Category: मेरा गांव, मेरा देश
‘बाजारवाद’ के मायाजाल में दम तोड़ती ‘आस्था’
ब्रह्मानंद ठाकुर दुर्गा पूजा यानी शक्ति की आराधना और उपसना का पर्व । 9 दिन तक हर तरफ भक्ति का
मैं और मेरा ये लाल माइक
रवीश कुमार ज़िंदगी का अच्छा ख़ासा हिस्स कैमरे के सामने और साथ गुज़रा है। अनगिनत लोगों के साथ मेरी तस्वीर
…तो न समाज बिखरता और न देश रोता !
आशीष सागर के फेसबुक वॉल से आदमी गर बड़ा न होता, हिंसा के मुहल्ले में खड़ा न होता ! माना
2 अक्टूबर से मुजफ्फरपुर में पहली बदलाव पाठशाला
आगामी गांधी जयंती- 2 अक्तूबर- को हम एक नया मिशन शुरू करने जा रहे हैं। समाज के ” उपेक्षित लेकिन
विद्रोही कवि रामधारी सिंह दिनकर
ब्रह्मानन्द ठाकुर जी हां , विद्रोही कवि रामधारी सिंह दिनकर। हालांकि मनुष्य द्वारा मनुष्य के शोषण पर टिकी इस व्यवस्था
देनहार कोहू और है …
सच्चिदानंद जोशी नवरात्रि की शुभकामनाओं के बीच एक किस्सा कुछ अलग सा। हम जानते हैं कि नवरात्रि के पहले अमावस्या
जो गधे पर नहीं बैठा, वह जन्म्या ही नहीं!
वर्षा मिर्जा इन दिनों गधों की हज़ार सालों की सहनशीलता दाव पर है। सब उन्हीं पर जुमले बोल रहे हैं।
वैशाखनंदन लिखो या शारदानंदन गालियां तो पड़ेंगी ही
राकेश कायस्थ सोशल मीडिया पर हंगामा ना हो फिर काहे का सोशल मीडिया। अगर शांति चाहते हैं तो कुछ समय
‘बाहुबली नहीं लाखबली बांध कहिये’
पुष्यमित्र जब मेन स्ट्रीम मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर सरदार सरोवर डैम को तोहफे के तौर पर