उर्मिलेश उर्मिल के फेसबुक वॉल से साभार हमारे अनेक समकालीन जानते हैं कि इलाहाबाद में कई साथियों के साथ हम
Category: आईना
अमजद साहब! 34 साल बाद कुछ यूं मिले… कैसा लगा आपको?
सच्चिदानंद जोशी बात आज से चौंतीस (34) बरस पहले की होगी। उन दिनों एमए के अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर
दंगों का दर्द और इंसाफ की धीमी रफ्तार
उर्मिलेश जी के फेसबुक वॉल से साभार/न्याय के लिए अगर 34 साल का लंबा इंतजार करना हो तो उस न्याय
किसानों के लिए सरकारी सब्सिडी का छलावा और घोंचू भाई का दर्द
ब्रह्मानंद ठाकुर मनकचोटन भाई के दलान पर आज की बतकही का मुद्दा सरकारी किसान चौपाल का था। बात यह थी
निखिल दुबे पर पूरी हुई इंडिया न्यूज की ‘तलाश’
टीम बदलाव 20 नवंबर को इंडिया न्यूज़ के साथ निखिल दुबे ने बतौर एग्जीक्यूटिव एडिटर अपनी नई पारी की शुरुआत
एक प्यारे सफर का प्यारा सा अंत
पशुपति शर्मा के फेसबुक वॉल से साभार ”जब आप किसी संस्थान से जुड़ते हैं तो ये पता नहीं होता कि
जीवन का संघर्ष और ‘डियर जिंदगी’ का फलसफा
दयाशंकर जी के फेसबुक वॉल से साभार कभी-कभी गुस्से की छाया, निराशा, ठगे जाने के बोध के बीच हम स्वयं
मिस टनकपुर से बेबी पीहू तक, एक जिद की जीत
विनोद कापड़ी कहानी और पीहू दोनों मिल चुकी थी। प्रोड्यूसर मिलना बाक़ी था। एक और बेहद मुश्किल काम। मुंबई में
नन्हीं पीहू से प्यार और विनोद कापड़ी का पागलपन
विनोद कापड़ी फ़िल्म रिलीज़ होने में अब कुछ दिन बाक़ी हैं।अब पीहू फ़िल्म से जुड़ी कुछ कहानियाँ। सबसे पहले कैसे
मीटू के असल मायने क्या हैं ?
कुमार प्रशांत ‘मीटू’ अब महज एक शब्दभर नहीं है, एक नया सहचारी भाव हमारे जमाने में दाखिल हुआ है। इसका