वीरेंद्र नंदा मुजफ्फरपुर में सन् 1901 में रवीन्द्रनाथ टैगोर को दिये गये सम्मान-पत्र की बांग्ला प्रति की प्रतिलिपि रंगकर्मी स्वाधीन
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अतिथि संपादक
जून माह के अतिथि संपादक वीरेन नंदा
जाने माने साहित्यकार , कवि और लेखक डाक्टर वीरेन नंदा बदलाव के इस साल जून महीने के अतिथि सम्पादक। बाबू
मन न रंगाया, रंगाया जोगी कपड़ा… नारायण! नारायण!
डाॅ॰ संजय पंकज खादी को गांधी जी के चेलों ने बर्बाद किया तो धर्म को गेरुआ धारण करनेवाले भेड़ियों ने।
स्त्री का सम्मान प्रकृति और ईश्वर का सम्मान है
डाॅ॰ संजय पंकज प्रकृति और पुरुष का आकर्षण सृष्टि के प्रारंभ का एक विराट निदर्शन है। उस गोपन रहस्य में
माथे पर पृथ्वी को उठा, सूरज की अगवानी करती स्त्री
डाॅ॰ संजय पंकज स्त्री का हर रूप सृजनधर्मी और कल्याणकारी है। वह परिवार से लेकर राष्ट्र-निर्माण तक में अपनी महत्त्वपूर्ण
बदलाव के अतिथि संपादक की मीडिया से अपेक्षाएं और उनके संकल्प
डाॅ. संजय पंकज मीडिया की महती भूमिका से आज सम्पूर्ण विश्व सुपरिचित है। दिनानुदिन नई-नई तकनीकों और सुविधाओं से लैस
अप्रैल माह के अतिथि संपादक होंगे संजय पंकज
जाने – माने साहित्यकार , कवि और लेखक डाक्टर संजय पंकज होंगे बदलाव के अप्रैल के अतिथि सम्पादक। मुजफ्फरपुर जिले
जीवन के संघर्षों से जिसने सीखा समाजवाद का पाठ
ब्रह्मानंद ठाकुर आम, कटहल,नींबू और अमरुद की घनी छांव तले एक छोटा सा घर । जिसका नाम है चमेला कुटीर
मजहब नहीं सिखाता, ‘गांधीवाद’ से बैर रखना!
ब्रह्मानंद ठाकुर बिहार के मुजफ्फरपुर का मझौलिया गांव कभी हथकरघा उद्योग के लिए जाना जाता था। आज यहां काफी कुछ बदल